AI अब 90% कोडिंग खुद कर रहा है, लेकिन इंसान अभी भी जरूरी,
Anthropic CEO का खुलासा
8 days ago Written By: Aniket Prajapati
पिछले कुछ सालों में Artificial Intelligence (AI) ने टेक इंडस्ट्री को पूरी तरह बदल दिया है। अब AI सिर्फ डेटा एनालिसिस या चैटबॉट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह कोडिंग में भी महारत हासिल कर चुका है। इसी कड़ी में Anthropic के CEO Dario Amodei ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का AI मॉडल Claude अब कंपनी के 90% कोड खुद लिखता है, लेकिन इसके बावजूद ह्यूमन प्रोग्रामर्स की भूमिका बेहद जरूरी बनी हुई है।
Dreamforce कॉन्फ्रेंस में खुलासा San Francisco में हुए Dreamforce कॉन्फ्रेंस के दौरान Dario Amodei ने बताया कि Claude अब 90% कोडिंग संभाल रहा है, लेकिन इंसानी कोडर्स का रोल खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही अनुमान लगाया था कि कुछ महीनों में AI 90% कोडिंग संभाल लेगा, और अब यह भविष्यवाणी सच साबित हो रही है। Amodei ने कहा, “कई लोगों को लगा कि मेरा ये अनुमान गलत है, लेकिन Anthropic और कई दूसरी कंपनियों में यह अब पूरी तरह हकीकत बन चुका है।”
इंसान अभी भी क्यों जरूरी हैं AI के बढ़ते इस्तेमाल के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या अब सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की नौकरी खतरे में है। इस पर Amodei का कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उनका मानना है कि AI इंसानों को रिप्लेस नहीं करेगा, बल्कि उन्हें ज्यादा प्रोडक्टिव बनाएगा। उन्होंने कहा, “अब आपको और भी ज्यादा इंजीनियरों की जरूरत होगी, क्योंकि वे AI की मदद से पहले से 10 गुना तेज काम कर पाएंगे।”
10% काम इंसानों का, लेकिन सबसे चुनौतीपूर्ण भले ही AI अब 90% कोड खुद लिख रहा हो, लेकिन बाकी 10% काम इंसानों को ही एडिट और सुपरवाइज करना होता है। Amodei के अनुसार, “इंजीनियर्स अब उस 10% पर ध्यान देंगे जो सबसे मुश्किल है — यानी कोड एडिट करना, टेस्ट करना और AI के आउटपुट की निगरानी करना। इससे उनकी वर्क एफिशिएंसी कई गुना बढ़ जाएगी।” इस तरह इंसान और AI मिलकर एक बेहतर कोडिंग इकोसिस्टम बना रहे हैं, जहाँ AI मेहनत कर रहा है और इंसान दिमाग।
AI से जुड़ी नौकरियों को लेकर चिंता AI की बढ़ती क्षमता ने टेक इंडस्ट्री में नौकरी छिनने के डर को भी बढ़ा दिया है। TCS, Accenture जैसी कंपनियाँ पहले ही हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं, क्योंकि AI टूल्स कई जगह उनका काम आसान बना रहे हैं। Amodei का कहना है कि फिलहाल यह डर पूरी तरह सही नहीं है, क्योंकि AI अभी इंसानी क्रिएटिविटी और निगरानी पर निर्भर है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि आने वाले 5 सालों में 50% एंट्री-लेवल नौकरियाँ AI की वजह से प्रभावित हो सकती हैं।
भविष्य कैसा होगा AI कोडिंग इंडस्ट्री में नई रफ्तार ला रहा है। जहां पहले एक सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट तैयार करने में हफ्तों लगते थे, वहीं अब AI मिनटों में बेसिक स्ट्रक्चर तैयार कर सकता है। लेकिन Dario Amodei का साफ कहना है कि भविष्य AI और इंसान दोनों के सहयोग से ही तय होगा। AI काम तेज करेगा, लेकिन क्वालिटी और इनोवेशन की गारंटी इंसान ही देंगे।