एआई से बढ़ा डेटा लीक का खतरा, साइबर एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी,
जानिए कैसे रखें अपनी निजी जानकारी सुरक्षित
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई जहां लोगों के काम को आसान बना रही है, वहीं इसके खतरे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स ने हाल ही में चेतावनी दी है कि एआई चैटबॉट्स जैसे ChatGPT, Google Gemini और PerplexityAI पर निजी जानकारियां साझा करना बेहद खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, एआई के जरिए हैकर्स यूजर्स की पर्सनल जानकारी चोरी कर सकते हैं और उन्हें डार्क वेब पर बेचकर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एआई टूल्स बन रहे साइबर क्राइम का नया जरिया
साइबर अपराधियों ने अब एआई को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। वे जेनरेटिव एआई टूल्स के जरिए लोगों की संवेदनशील जानकारियां चुराते हैं और फिर इन डाटा को बेच देते हैं। कई बार यूजर्स बिना सोचे-समझे एआई चैटबॉट्स पर अपनी जन्मतिथि, पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड या पता जैसी जानकारी साझा कर देते हैं। ये सभी जानकारियां हैकर्स के लिए किसी खजाने से कम नहीं होतीं। एआई के एल्गोरिदम में मौजूद लूपहोल्स का फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल्स ऐसे डाटा को एक्सेस कर लेते हैं और आगे साइबर अटैक कर सकते हैं।
ऐसे होती है निजी जानकारी लीक
एआई चैटबॉट्स के यूजर्स अक्सर अपनी क्वेरीज में निजी जानकारी डाल देते हैं। उदाहरण के तौर पर जब कोई यूजर अपनी जन्मतिथि या लोकेशन बताकर कोई सवाल पूछता है, तो वह डेटा सिस्टम में सेव हो जाता है। कई माता-पिता बच्चों का नाम, स्कूल या डेली रूटीन जैसी डिटेल्स भी एआई टूल्स में शेयर करते हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद जोखिम भरा है। ये जानकारी हैकर्स तक पहुंच जाए तो उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।
जानिए कैसे रखें अपनी जानकारी सुरक्षित
साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि एआई से सवाल पूछते समय कभी भी निजी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता या कार्यस्थल का जिक्र न करें एआई टूल्स में क्वेरी डिलीट फीचर को ऑन रखें, ताकि आपकी चैट सर्वर पर सेव न हो। इसके अलावा HaveIBeenPwned जैसे साइबर सुरक्षा टूल का इस्तेमाल करें। यह टूल बताता है कि आपकी निजी जानकारी ऑनलाइन लीक हुई है या नहीं।