पुराना फोन नंबर बदलते समय सावधान,
साइबर धोखाधड़ी का खतरा
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
हाल ही में अगर आपने अपना पुराना मोबाइल नंबर बंद कराया है या किसी नए सिम पर स्विच किया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। ज्यादातर लोग नंबर बदलने के बाद यह सोचकर बेफिक्र हो जाते हैं कि पुराना सिम अब बेकार है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बंद नंबर कुछ महीनों बाद किसी और व्यक्ति को अलॉट कर दिया जाता है। अगर आपने समय रहते जरूरी सुरक्षा कदम नहीं उठाए, तो आपका पर्सनल डेटा, बैंक डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट किसी अंजान व्यक्ति के हाथ लग सकता है।
कैसे मिलता है नया यूजर को आपका पुराना नंबर?
टेलीकॉम कंपनियों के नियमों के अनुसार, हर बंद नंबर को लगभग 90 दिनों यानी तीन महीने तक इनएक्टिव रखा जाता है। इस दौरान यदि आप इसे फिर से एक्टिव नहीं कराते हैं, तो वह नंबर किसी नए यूजर को दे दिया जाता है। यदि आपका पुराना नंबर बैंक, गूगल, इंस्टाग्राम या व्हाट्सऐप जैसे अकाउंट्स से जुड़ा हुआ है, तो नया यूजर OTP और रिकवरी मैसेज के जरिए आपकी निजी जानकारी तक पहुंच सकता है।
डिजिटल डेटा को सुरक्षित कैसे रखें?
नंबर बदलते समय तुरंत कुछ सुरक्षा कदम अपनाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले अपने सभी बैंक अकाउंट्स और UPI ऐप्स जैसे Paytm, Google Pay में नया नंबर अपडेट करें। इसके अलावा, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी नया नंबर अपडेट करें। सभी बैंक और वॉलेट ऐप्स से लॉगआउट करें और जहां संभव हो, पुराने नंबर को डिलीट कर दें। Gmail, Amazon और अन्य जरूरी सेवाओं में Two Factor Authentication को नए नंबर पर एक्टिव करें, ताकि आपकी सुरक्षा और मजबूत हो।
सिम फेंकने से पहले ये करें
अगर पुराना सिम अभी आपके पास है, तो उसे फेंकने या तोड़ने से पहले पूरी तरह से डिएक्टिवेट कर लें। अपने फोन से जुड़े सभी अकाउंट्स से लॉगआउट करें और डिवाइस को फैक्ट्री रीसेट कर दें। केवल सिम निकालना पर्याप्त नहीं है, बल्कि सभी अकाउंट्स से पुराने नंबर का नामोनिशान मिटाना जरूरी है। छोटी सी लापरवाही साइबर ठगों के लिए आसान तरीका बन सकती है।