भारतीय इंजीनियर ने छोड़ी अमेरिकी नौकरी, बनाया गूगल मैप का देसी विकल्प,
जानें Mappls की सफलता की कहानी
10 days ago Written By: Aniket Prajapati
भारत में डिजिटल मैपिंग की जरूरत आज हर दिन बढ़ रही है। देश के हर गांव, शहर और सड़क को सही तरीके से दिखाने वाला भरोसेमंद प्लेटफॉर्म अब जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन जब यह सोच भी नहीं थी, तब एक भारतीय ने इसे साकार किया। बात हो रही है राकेश वर्मा की, जिन्होंने 1995 में उस समय MapmyIndia की नींव रखी जब भारत में डिजिटल मैपिंग का नाम तक नहीं सुना गया था।
अमेरिका की स्थिर नौकरी छोड़ शुरू किया नया सफर राकेश वर्मा ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई BITS पिलानी से पूरी की और फिर ईस्टर्न वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से MBA किया। अमेरिका में 12 साल तक काम करने के बाद उनके पास एक स्थिर करियर था। उन्होंने जनरल मोटर्स के सैटर्न कार प्रोजेक्ट पर काम किया, जहां उन्होंने टेक्नोलॉजी और सिस्टम की गहराई से समझ हासिल की। लेकिन उनके मन में एक सवाल हमेशा रहा। “क्या मैं अपने देश के लिए कुछ बड़ा कर सकता हूं?”
इसी सोच ने उन्हें भारत वापस लौटने का निर्णय दिलाया। उन्होंने महसूस किया कि भारत में डिजिटल मैपिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, और यहीं से शुरू हुआ एक नया सफर।
MapmyIndia से लेकर Mappls तक का सफर भारत लौटने के बाद उन्होंने MapmyIndia की शुरुआत की। यह कंपनी भारत के लिए सटीक और उच्च गुणवत्ता वाले डिजिटल नक्शे तैयार करने में जुट गई। समय के साथ, कंपनी ने अपना मोबाइल ऐप Mappls लॉन्च किया, जिसने नेविगेशन की दुनिया में क्रांति ला दी।
Mappls ऐप में यूज़र्स को रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट, 3D मैपिंग, जंक्शन व्यू, सेफ्टी अलर्ट्स और भारतीय भाषाओं में नेविगेशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं। यह ऐप न सिर्फ आम लोगों के लिए है बल्कि भारत सरकार के DIGIPIN सिस्टम और महिंद्रा, टाटा मोटर्स, हुंडई जैसी बड़ी कंपनियों की गाड़ियों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
पूरी तरह से स्वदेशी और सुरक्षित
Mappls की सबसे बड़ी ताकत है इसका पूरी तरह से भारतीय होना। इस ऐप का सारा डेटा भारत में ही स्टोर किया जाता है, जिससे यूज़र्स की प्राइवेसी सुरक्षित रहती है। विदेशी ऐप्स की तुलना में यह डेटा सुरक्षा के लिहाज से कहीं बेहतर और भरोसेमंद माना जाता है। राकेश वर्मा का मानना है कि “भारत को अपने डेटा पर नियंत्रण रखना चाहिए, और Mappls इस दिशा में एक मजबूत कदम है।”
मेहनत, विश्वास और स्वदेशी तकनीक की मिसाल राकेश वर्मा की कहानी केवल एक उद्यमी की सफलता नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है। कि अगर इरादा सच्चा हो, तो असंभव भी संभव बन सकता है। उन्होंने यह दिखाया कि भारत भी विश्वस्तरीय तकनीक बना सकता है, और आज उनका Mappls ऐप Google Maps का मजबूत भारतीय विकल्प बन चुका है।राकेश वर्मा की मेहनत और विज़न ने भारत को डिजिटल मैपिंग के नए युग में पहुंचाया। उनकी कहानी हर उस भारतीय के लिए संदेश है जो अपने देश के लिए कुछ अलग करने का सपना देखता है “अगर आप में जज़्बा है, तो रास्ता खुद बन जाता है ।