Tesla Vision भारत की सड़कों पर करेगा ड्राइविंग का भविष्य तय, टेस्ला को चाहिए स्मार्ट ड्राइवर,
भारत में शुरू हुई हायरिंग
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Tesla: अमेरिका की मशहूर इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला अब भारत में अपने कदम जमाने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रही है। कंपनी ने दिल्ली और मुंबई में प्रोटोटाइप व्हीकल ऑपरेटर, यानी स्पेशल टेस्ट ड्राइवरों की भर्ती शुरू कर दी है। ये ड्राइवर टेस्ला की ऑटोमैटिक ड्राइविंग तकनीक की भारतीय सड़कों पर टेस्टिंग करेंगे। यह टेस्ला की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह अपनी सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को भारत के ट्रैफिक और सड़क परिस्थितियों के अनुसार ढालना चाहती है। इससे भारत में टेस्ला की एंट्री और भी करीब मानी जा रही है।
टेस्ला को चाहिए टेक्नोलॉजी समझने वाले एक्सपर्ट ड्राइवर
इन ड्राइवरों का काम सिर्फ गाड़ी चलाना नहीं, बल्कि गाड़ियों में लगे सेंसर, कैमरा और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम से जरूरी डेटा इकट्ठा करना भी होगा। हर दिन लगभग 5 से 8 घंटे ड्राइविंग करनी होगी और डेटा की गुणवत्ता की जांच भी करनी होगी। साथ ही, सिस्टम में जहां-जहां सुधार की जरूरत हो, उसकी रिपोर्ट भी देना होगा। टेस्ला ऐसे ड्राइवरों की तलाश कर रही है जो भीड़भाड़ वाले इलाकों में बिना परेशानी के गाड़ी चला सकें और ADAS (Advanced Driver Assistance System) तथा FSD (Full Self Driving) जैसी तकनीकों की समझ रखते हों। कंपनी चाहती है कि ड्राइवर तेज रफ्तार और लक्ष्य आधारित काम के माहौल में सहजता से काम कर सकें।
टेस्ला का ऑटोपायलट सिस्टम बढ़ाएगा ड्राइविंग सेफ्टी
टेस्ला का ऑटोपायलट सिस्टम, गाड़ी को सुरक्षित और आसानी से चलाने के लिए बनाया गया है। इसमें लेन सेंटरिंग, एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल और ऑटोमैटिक लेन चेंज जैसे फीचर हैं। वहीं इसका FSD वर्जन गाड़ी को अपने आप मोड़ने, ट्रैफिक सिग्नल पार करने और रूट तय करने जैसे काम करने में सक्षम बनाता है। हालांकि इसमें अभी भी ड्राइवर की निगरानी जरूरी होती है।
टेस्ला विजन से लैस होंगे अब सभी वाहन
कंपनी अब अपने सभी वाहनों में टेस्ला विजन नाम की AI आधारित कैमरा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रही है, जिसमें रडार की जरूरत नहीं होती। अब यही सिस्टम भारत की सड़कों पर टेस्ट किया जाएगा ताकि ये भारतीय ट्रैफिक की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सके।