Zoho फाउंडर श्रीधर वेम्बू बोले “भारत का टैलेंट विदेशों के लिए नहीं,
भारत के लिए काम करे”
10 days ago Written By: Aniket Prajapati
Zoho Corporation के फाउंडर और CEO श्रीधर वेम्बू इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। वजह है उनका एक बयान, जिसमें उन्होंने विदेशी कंपनियों द्वारा भारतीय टैलेंट के शोषण पर खुलकर चिंता जताई है। वेम्बू ने X (पहले Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत को अब ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म की जरूरत है, जिससे देश में बनने वाली Intellectual Property (IP) का फायदा भारत को ही मिले न कि विदेशी कंपनियों को। उन्होंने कहा, “हम अपने दिमाग से इनोवेशन तो करते हैं, लेकिन उसका असली मुनाफा बाहर वालों को मिलता है।”
“ब्रेन हार्वेस्टिंग” पर वेम्बू का वार श्रीधर वेम्बू ने विदेशी कंपनियों द्वारा की जा रही “ब्रेन हार्वेस्टिंग” की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत के लाखों स्किल्ड प्रोफेशनल्स, खासतौर पर AI, Deep Tech और R&D सेक्टर में, विदेशी कंपनियों के लिए रिसर्च और इनोवेशन कर रहे हैं। ये इनोवेशन भारतीय धरती पर, भारतीय इंजीनियर्स के हाथों से तैयार होते हैं, लेकिन उनका IP विदेशी देशों, खासकर अमेरिका में रजिस्टर होता है। इसका नतीजा यह है कि टैक्स और मुनाफा विदेश चला जाता है, जबकि भारत केवल “वर्कफोर्स नेशन” बनकर रह जाता है।
“IP कानून में बदलाव जरूरी” वेम्बू ने भारत सरकार से अपील की है कि Intellectual Property कानूनों में बदलाव किया जाए, ताकि भारत में तैयार की गई हर टेक्नोलॉजी या इनोवेशन भारतीय कानून के तहत रजिस्टर्ड हो। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ टैक्स का फायदा देश को मिलेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। वेम्बू ने स्पष्ट शब्दों में कहा “अगर हम अपनी बौद्धिक संपत्ति पर नियंत्रण नहीं रखेंगे, तो भविष्य में हमारे टैलेंट का फायदा विदेशी कंपनियों को ही मिलेगा।”
भारत के इनोवेशन को ‘भारत’ में ही रहना होगा वेम्बू का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत तेजी से ग्लोबल टेक हब बनता जा रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां भारतीय इंजीनियर्स के भरोसे अपने प्रोडक्ट डेवलप कर रही हैं। ऐसे में वेम्बू की यह चिंता जायज़ है कि भारत को सिर्फ “टैलेंट एक्सपोर्टर” नहीं, बल्कि “इनोवेशन ओनर” बनना चाहिए। उन्होंने देश के युवाओं और सरकार दोनों से आह्वान किया है कि अब वक्त है “Made in India, Owned by India” की सोच को अपनाने का।