छुरी-कांटे नहीं बल्कि हाथ से खाएं खाना,
आयुर्वेद में बताए गए हैं कई बड़े फायदे
1 months ago Written By: ANJALI
हमारे आसपास आजकल लोग चम्मच और कांटे (Spork) से खाने को ‘सिविलाइज्ड’ आदत मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथ से खाना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है? भोजन केवल पेट भरने का माध्यम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने वाला अनुभव है। प्राचीन सभ्यताओं जैसे मिस्र, मेसोपोटामिया और ग्रीस में लोग हाथ से ही खाना खाते थे। भारत में यह परंपरा आयुर्वेद से जुड़ी है, जिसमें हाथों को पंचमहाभूत का प्रतिनिधि माना जाता है।
हाथ से खाने के आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक लाभ आयुर्वेदाचार्य डॉ. पी.के. श्रीवास्तव बताते हैं कि अंगूठा अग्नि, तर्जनी वायु, मध्यमा आकाश, अनामिका पृथ्वी और छोटी उंगली जल का प्रतीक है। हाथ से भोजन करने से ये तत्व सक्रिय होते हैं, जिससे शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है। वहीं आधुनिक रिसर्च भी कहती है कि हाथ से खाने से ब्रेन को सिग्नल जाता है कि भोजन मिल रहा है, जिससे लार और पाचन एंजाइम्स का उत्पादन बढ़ता है। इसका सीधा फायदा यह होता है कि पाचन बेहतर होता है और ब्लोटिंग जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
माइंडफुल ईटिंग और वेट मैनेजमेंट बताया जाता है कि, हाथ से खाना माइंडफुल ईटिंग का बेहतरीन तरीका है। चम्मच से अक्सर हम जल्दी-जल्दी खाते हैं, लेकिन हाथ से खाने में भोजन की बनावट, तापमान और कंसिस्टेंसी महसूस होती है। धीरे खाने से ओवरईटिंग कम होती है और कैलोरी इनटेक नियंत्रित रहता है। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार, यह स्ट्रेस कम करता है और कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर घटता है।
हाथ से खाना और मानसिक स्वास्थ्य हाथ से भोजन करना सिर्फ पाचन सुधारने वाला नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। खाने के साथ कनेक्शन और ग्रेटीट्यूड की भावना मानसिक शांति बढ़ाती है। यह आदत खुशी और संतोष का अनुभव देती है, जिससे मन प्रसन्न और तनाव मुक्त रहता है।
खाने से पहले और दौरान ध्यान देने योग्य बातें खाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं। स्वच्छता का ध्यान रखें। चोट या संक्रमण वाले हाथों से खाना न खाएं। बुजुर्ग और छोटे बच्चों के लिए हाइजीन का विशेष ख्याल रखें।
बच्चों में हाथ से खाने के फायदे जानकार बताते हैं कि बच्चों में यह आदत मोटर स्किल्स और भोजन के प्रति जुड़ाव दोनों को बढ़ाती है। बच्चे जब खाना छूते हैं, तो वे टेक्सचर और तापमान समझते हैं, जिससे ब्रेन डेवलपमेंट और भूख को समझने की क्षमता बेहतर होती है।