आयुर्वेद में अर्जुन की छाल,
स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी फायदे
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ की छाल को औषधि के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है। खासतौर पर सर्दियों में इसकी छाल का सेवन शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इस्केमिक, हाइपोलिपिडेमिक और एंटी थेरोजेनिक गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें टैनिन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं अर्जुन की छाल के पांच प्रमुख स्वास्थ्य लाभ।
हार्ट हेल्थ के लिए लाभकारी अर्जुन की छाल हृदय को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है और दिल की धड़कनों को नियमित करती है। इसके नियमित सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करना अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। यह विशेष रूप से LDL को कम करती है और ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी घटाती है। इससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है और शरीर का हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखना अर्जुन की छाल पेट की समस्याओं में भी लाभकारी है। यह अपच, दस्त और गैस जैसी परेशानियों से राहत दिलाती है। इसके सेवन से पेट की दीवार मजबूत होती है और पाचन क्रिया में सुधार आता है।
हड्डियों और जोड़ों के लिए लाभकारी अर्जुन की छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। यह हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाती है और गठिया या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं में राहत देती है।
चर्म रोगों के उपचार में सहायक अर्जुन की छाल त्वचा की समस्याओं जैसे एक्जिमा और सोरायसिस में मदद करती है। इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं और इसे स्वस्थ बनाए रखते हैं।
जानकारी का सार अर्जुन की छाल स्वास्थ्य के लिए बहुआयामी लाभ प्रदान करती है। यह हृदय, पाचन तंत्र, हड्डियों और त्वचा के लिए बेहद उपयोगी है। आयुर्वेदिक उपायों में इसे शामिल करना शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है।