दिल और डायबिटीज दोनों का रखवाला: आयुर्वेद में क्यों इतनी खास है अर्जुन की छाल?
जानें फायदे और काढ़ा बनाने का तरीका
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को दिल का टॉनिक कहा गया है। यह छाल पोषक तत्वों और फाइटोकेमिकल्स से इतनी भरपूर होती है कि सदियों से आयुर्वेदिक उपचारों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। अर्जुन की छाल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेनोइड्स, सैपोनिन्स जैसे प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं। इसके अलावा अर्जुनोलिक एसिड, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड और बीटा-सिटोस्टेरॉल जैसे कंपाउंड इसे और भी अधिक औषधीय बनाते हैं। यही वजह है कि शरीर को अंदर से मजबूत करने के लिए इसका प्रयोग कई बीमारियों में किया जाता है।
किस बीमारी में सबसे ज्यादा फायदेमंद है अर्जुन की छाल?
अर्जुन की छाल को विशेष रूप से हार्ट पेशेंट्स के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसमें मौजूद टैनिन और ग्लाइकोसाइड दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं और ब्लड वेसेल्स में जमा प्लाक को धीरे-धीरे कम करते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोककर दिल को सुरक्षित रखते हैं। अर्जुन ब्लड वेसेल्स को फैलाकर ब्लड फ्लो सुधारता है, जिससे हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लॉक्ड आर्टरी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यही नहीं, यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
किन समस्याओं में और मिलता है लाभ?
दिल से जुड़ी समस्याओं के अलावा अर्जुन की छाल पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है। आयुर्वेद में इसका उपयोग दस्त, पेचिश और इंफेक्शन आधारित पेट की परेशानियों में किया जाता है। इसमें मौजूद सूजन-रोधी तत्व शरीर में सूजन कम करते हैं और डायबिटीज के कारण होने वाले इंफ्लेमेशन को भी नियंत्रित करते हैं। नियमित उपयोग से यह पाचन को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए जरूरी सामग्री
अर्जुन की छाल – 1 चम्मच
इसमें ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राइटरपीन, एलाजिक एसिड और बीटा-सिटोस्टेरॉल जैसे शक्तिशाली तत्व मौजूद होते हैं।
तुलसी के 5 पत्ते
तुलसी में कैल्शियम, जिंक, विटामिन C और आयरन खूब मात्रा में पाया जाता है।
दालचीनी – 1 छोटा टुकड़ा
दालचीनी मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और विटामिन K का अच्छा स्रोत है।
कैसे बनाएं अर्जुन की छाल का काढ़ा?
सबसे पहले सभी सामग्री को हल्का-सा कूट लें ताकि इनके गुण पानी में अच्छे से घुल सकें। अब एक पैन में दो कप पानी लें और गैस पर चढ़ा दें। इसमें कूटी हुई सामग्री डालकर धीमी आंच पर उबलने दें। जब पानी आधा यानी लगभग एक कप बच जाए, तब गैस बंद कर दें. काढ़े को हल्का ठंडा होने दें और फिर इसका सेवन करें। दिल, ब्लड शुगर और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इसे रोजाना पीना लाभकारी माना जाता है।