कैंसर से लड़ने में आयुर्वेद,
जानें कौन-सी जड़ी-बूटियाँ मददगार हैं
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
कैंसर एक भयावह बीमारी है, लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक इसे हराना संभव है अगर शरीर की प्राकृतिक शक्ति यानी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। आयुर्वेद में इस बीमारी को अग्नि की कमजोरी और शरीर में दोषों के असंतुलन से जोड़कर देखा जाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर चंचल शर्मा का कहना है कि जब शरीर की अग्नि (जठराग्नि) कमजोर होती है तो कोशिकाओं का संतुलन बिगड़ता है और बीमारी बढ़ती है। आज के समय में कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स और उपचार कैंसर से लड़ने में सहायक माने जा रहे हैं। नीचे सरल भाषा में बताए गए उपायों और जड़ी-बूटियों की जानकारी आम लोगों के लिए उपयोगी रहेगी।
आयुर्वेद और कैंसर — दृष्टिकोण और कारण
आयुर्वेद मॉडर्न विज्ञान के ‘अभिसामान्य सेल विभाजन’ के सिद्धांत को शरीर के अंदर दोष और अग्नि की कमजोरी से जोड़ता है। इसका मानना है कि यदि शरीर के अंदर विषैले पदार्थ और दोष जमा हों और अग्नि कमजोर हो, तो कोशिकाओं की वृद्धि असंतुलित हो सकती है। इसलिए इलाज में न सिर्फ रोगनाशक दवा बल्कि शरीर की शुद्धि और अग्नि को मजबूत करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
कौन-सी आयुर्वेदिक चीजें लाभ देंगी
हल्दी में करक्यूमिन सूजन कम करता है और अनियमित कोशिका वृद्धि पर अंकुश लगाने में सहायक माना जाता है। अश्वगंधा तनाव और कॉर्टिसोल घटाकर इम्यूनिटी मजबूत करती है और कीमो के दुष्प्रभाव कम कर सकती है। तुलसी डीएनए की क्षति से बचाने में मदद करती है। नीम रक्त शुद्धि और विषहरण के लिए उपयोगी है। गिलोय को आयुर्वेद में ‘अमृत’ कहा गया है; यह विषहरण कर इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है।
इलाज के साथ जीवनशैली और उपचार
पंचकर्म जैसी शुद्धिकरण प्रक्रियाएँ शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करती हैं और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। साथ ही सात्विक आहार, हल्की उपवास और संतुलित पोषण को बढ़ावा दिया जाता है ताकि शरीर की अग्नि मजबूत हो। आयुर्वेदिक हर्ब्स को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है, खासकर यदि आप कीमोथेरेपी या अन्य आधुनिक इलाज ले रहे हों।