बीड़ी और सिगरेट में से कौन है ज्यादा नुकसानदायक,
जानिए क्या है दोनों में फर्क
1 months ago Written By: ANJALI
तंबाकू का सेवन भारत में लंबे समय से किया जा रहा है और इसके कई रूप प्रचलित हैं। इनमें सबसे आम हैं बीड़ी और सिगरेट। बहुत से लोग मानते हैं कि बीड़ी सिगरेट की तुलना में कम नुकसान करती है। लेकिन यह धारणा बेहद खतरनाक है। शोध और डॉक्टरों के अनुसार बीड़ी और सिगरेट दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक हैं, बल्कि कई बार बीड़ी सिगरेट से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।
बीड़ी को लेकर गलतफहमी
ग्रामीण क्षेत्रों और कम आय वाले वर्गों में अक्सर यह सोचा जाता है कि बीड़ी सुरक्षित है क्योंकि इसमें केवल तंबाकू और तेंदू का पत्ता होता है। लेकिन यह पूरी तरह भ्रम है। बीड़ी में फिल्टर नहीं होता, जिसकी वजह से इसका धुआं बिना किसी रुकावट के सीधे फेफड़ों तक पहुंचता है। यही कारण है कि बीड़ी का धुआं सिगरेट से ज्यादा जहरीला माना जाता है।
बीड़ी और सिगरेट में फर्क
सिगरेट में तंबाकू के साथ कई तरह के रसायन और फिल्टर मौजूद होते हैं। जबकि बीड़ी में सिर्फ तंबाकू को तेंदू के पत्ते में लपेटा जाता है और इसमें कोई फिल्टर नहीं होता। तेंदू पत्ता जलने पर धुआं और ज्यादा गाढ़ा हो जाता है। यही वजह है कि बीड़ी पीने वाला व्यक्ति ज्यादा जोर लगाकर धुआं अंदर खींचता है और इसका सीधा असर शरीर पर पड़ता है।
रिसर्च क्या बताती है
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट कहती है कि बीड़ी पीने वालों में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना सिगरेट पीने वालों से ज्यादा होती है। इसके अलावा बीड़ी का सेवन करने से क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियां जल्दी हो सकती हैं। हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बीड़ी से बढ़ता है।
बीड़ी में ज्यादा निकोटिन और टॉक्सिन
विशेषज्ञ बताते हैं कि स्वास्थ्य की दृष्टि से बीड़ी और सिगरेट दोनों ही हानिकारक हैं, लेकिन बीड़ी पीने से शरीर में ज्यादा निकोटिन और कार्बन मोनोऑक्साइड जाती है। बीड़ी का धुआं गाढ़ा होता है और इसे पीने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। इससे फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और धुआं सीधे खून में घुल जाता है, जो कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी का कारण बन सकता है।
परिवार और समाज पर असर
बीड़ी पीने का नुकसान केवल पीने वाले तक सीमित नहीं रहता। इसका जहरीला धुआं आसपास मौजूद लोगों को भी प्रभावित करता है। पैसिव स्मोकिंग के कारण बच्चों और महिलाओं में अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ सकती हैं। इस तरह बीड़ी का सेवन समाज और परिवार दोनों के लिए खतरनाक है। चाहे बीड़ी हो या सिगरेट, दोनों ही सेहत के दुश्मन हैं। लेकिन यह समझना जरूरी है कि बीड़ी को "कम हानिकारक" मानना गलत है। कई मामलों में बीड़ी सिगरेट से ज्यादा नुकसान करती है। इसलिए तंबाकू के किसी भी रूप से दूरी बनाना ही स्वास्थ्य और परिवार की सुरक्षा का सबसे बेहतर उपाय है।