बच्चों में अचानक बढ़ा ये खतरा, अगर दिखें ये संकेत तो तुरंत हो जाएं सावधान,
एक्सपर्ट्स ने भी दी चेतावनी
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Health News: यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट ने माता-पिता की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 5 से 19 साल के बच्चों में कुपोषण की बजाय अब मोटापा बड़ा खतरा बन गया है। लगातार जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन बच्चों में मोटापे का मुख्य कारण माना जा रहा है। यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 10 में से 1 बच्चा मोटापे का शिकार हो रहा है, जो उसके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए गंभीर खतरा है।
मोटापे के कारण और संभावित जोखिम
वाराणसी के संतुष्टि पैरामेडिकल एंड नर्सिंग इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और डॉक्टर रितु गर्ग के अनुसार, मोटापे के कारण बच्चों में हार्ट की बीमारियों, डायबिटीज और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यह सिर्फ बढ़ती उम्र में नहीं, बल्कि कम उम्र में भी जीवन को प्रभावित कर सकता है।
मोटापे के पीछे जेनेटिक और अन्य कारण
डॉ रितु गर्ग ने बताया कि बच्चों में मोटापे की समस्या जेनेटिक (अनुवांशिक) भी हो सकती है। जिन माता-पिता को यह बीमारी होती है, उनके बच्चों में जन्म से ही मोटापे का खतरा रहता है। इसके अलावा, प्रेगनेंसी के दौरान अगर मां को डायबिटीज जैसी समस्या रहती है, तो उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है और यह भविष्य में मोटापे में बदल सकता है।
जीवनशैली और खानपान की भूमिका
मोटापे की एक बड़ी वजह बच्चों का जंक फूड, हाई कैलोरी फूड और इम्पोर्टेड फूड भी है। जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेने और शारीरिक गतिविधि न करने से यह समस्या बढ़ती है।
समाधान: फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी डाइट
डॉक्टर रितु गर्ग ने सुझाव दिया है कि माता-पिता बच्चों को नियमित खेल-कूद और एक्सरसाइज में शामिल करें। फिजिकल एक्टिविटी को बच्चों के जीवन का हिस्सा बनाना बेहद जरूरी है। साथ ही, जंक फूड पर रोक लगाकर बच्चों की डाइट में हेल्दी और पौष्टिक चीजें शामिल करें। यह बच्चों को मोटापे और भविष्य की गंभीर बीमारियों से बचाने का सबसे कारगर तरीका है।