पिता को कोविड हुआ तो बच्चे के दिमाग पर पड़ सकता है असर,
मेलबर्न यूनिवर्सिटी की रिसर्च में दावा
9 days ago Written By: Aniket Prajapati
कोविड-19 का संक्रमण सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के शरीर को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के मानसिक विकास और व्यवहार पर भी असर डाल सकता है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय में हुई एक नई रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले हैं। अध्ययन के मुताबिक, अगर पिता को बच्चे के जन्म से पहले कोविड-19 हुआ हो, तो उसके शुक्राणु में ऐसे बदलाव आ सकते हैं जो बच्चों के दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। रिसर्च में खासतौर पर पाया गया कि इन बच्चों में चिंता और डर जैसी मानसिक समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। यह अध्ययन प्रतिष्ठित जर्नल ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ में प्रकाशित हुआ है।
शुक्राणु में कोविड से हो सकते हैं बदलाव मेलबर्न यूनिवर्सिटी के फ्लोरी इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस एंड मेंटल हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. एंथनी हन्नान ने बताया कि पहले भी कई अध्ययनों में यह देखा गया था कि पुरुषों में तनाव या बीमारियां उनके शुक्राणु को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे बच्चों के व्यवहार और दिमाग पर असर पड़ता है। यह प्रभाव मुख्य रूप से शुक्राणु में मौजूद आरएनए अणुओं के कारण होता है। ये वही अणु हैं जो बच्चे के विकास की दिशा तय करते हैं। प्रोफेसर हन्नान के मुताबिक, पिता की जीवनशैली या बीमारी इन आरएनए अणुओं को बदल सकती है, जिससे बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ता है।
रिसर्च में चूहों पर हुआ प्रयोग
वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में यह जानने की कोशिश की कि कोविड-19 संक्रमण का शुक्राणु पर क्या असर पड़ता है और क्या यह अगली पीढ़ी को प्रभावित करता है। इसके लिए उन्होंने नर चूहों के एक समूह को कोविड से संक्रमित किया, और ठीक होने के बाद उन्हें स्वस्थ मादा चूहों के साथ रखा गया। जब इनके बच्चे हुए, तो वैज्ञानिकों ने उनके दिमाग और व्यवहार का गहराई से अध्ययन किया।
कोविड संक्रमित पिता से जन्मे बच्चों में दिखीं चिंता की प्रवृत्तियां
अध्ययन में पाया गया कि कोविड से संक्रमित पिता से जन्मे बच्चों में चिंता और डर जैसी प्रवृत्तियां अधिक थीं। खासतौर पर मादा बच्चों के दिमाग के उस हिस्से हिप्पोकैम्पस में कई जीन की गतिविधियों में बदलाव देखा गया। यह हिस्सा याददाश्त, भावनाओं और मानसिक स्थिति से जुड़ा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पिता के कोविड संक्रमण के दौरान शुक्राणु में आए बदलाव बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
कोविड से शुक्राणु के आरएनए अणु प्रभावित
वैज्ञानिकों ने संक्रमित पिता के शुक्राणु के आरएनए की जांच में पाया कि कोविड ने उन अणुओं को प्रभावित किया जो दिमाग के विकास से जुड़े जीन को नियंत्रित करते हैं। प्रो. हन्नान ने कहा “अगर यही परिणाम इंसानों पर भी लागू होते हैं, तो यह पूरी दुनिया के लाखों बच्चों और परिवारों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। यह भविष्य में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है।” उन्होंने इस विषय पर और गहराई से शोध की जरूरत बताई ताकि इस प्रभाव को बेहतर तरीके से समझा जा सके।