क्या छोटे बच्चों को कफ सिरप देना सुरक्षित है,
मध्यप्रदेश-राजस्थान में मौतों के बाद बड़ा अलर्ट
21 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Health Tips: स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय (DGHS) ने छोटे बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं देने को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। यह कदम हाल ही में मध्यप्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की संदिग्ध मौत के बाद उठाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि दो साल से छोटे बच्चों को बिल्कुल भी कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी सामान्य तौर पर यह दवा न दी जाए। इन घटनाओं के बाद देशभर में दवा कंपनियों और डॉक्टरों को अलर्ट किया गया है।
छिंदवाड़ा और सीकर में मासूमों की मौत मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीते दो हफ्तों में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। सभी की किडनी फेल होने की वजह सामने आई है। स्वास्थ्य अधिकारियों को शक है कि ये मौतें दूषित खांसी की दवाओं से जुड़ी हो सकती हैं। इसी तरह राजस्थान के सीकर जिले में भी हाल ही में दो बच्चों की मौत हुई थी। मृतक 9 बच्चों में से कम से कम 5 बच्चों ने Coldref सिरप लिया था, जबकि एक बच्चे को Nextro सिरप दिया गया था।
सरकार की कार्रवाई और जांच इन घटनाओं के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। मध्यप्रदेश में Dextromethorphan Hydrobromide सिरप के बैचों की जांच हो रही है और इनके वितरण पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने 1,420 ऐसे बच्चों की सूची बनाई है, जिनमें सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण पाए गए हैं। इन सभी पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। साथ ही निजी डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों में बच्चों को क्लिनिक में न रोककर सीधे सिविल अस्पताल भेजा जाए।
केंद्रीय मंत्रालय का बयान हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब तक जांच में किसी भी सिरप में खतरनाक रसायन नहीं पाए गए हैं। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि इनमें Diethylene Glycol (DEG) या Ethylene Glycol (EG) जैसे जहरीले तत्व मौजूद नहीं थे। यही रसायन किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) और राज्य औषधि विभाग (SFDA) ने भी माना है कि अब तक सिरप में गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं मिले हैं।