दिवाली की मिठास में घुला जहर: घर की खुशबू खो गई,
अब बाजार की मिठाइयों से बढ़ रहा खतरा
7 days ago Written By: Aniket Prajapati
कभी दिवाली पर घी में भुने बेसन के लड्डुओं की खुशबू पूरे घर में फैली रहती थी। त्योहार की असली मिठास तब रसोईघर में बनती थी, जहां मां के हाथों के स्वाद में प्यार और अपनापन घुला होता था। लेकिन वक्त बदल गया है। अब वही मिठास बाजार की रंगीन दुकानों में सिमट गई है, जहां स्वाद तो है, मगर सेहत के लिए खतरा भी। दिवाली से पहले बाजारों में हर तरफ चमचमाती मिठाइयों की भरमार है, पर असली चिंता इस बात की है कि इनमें मिलावट की मात्रा भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है। देशभर में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। कहीं लाखों टन नकली खोया पकड़ा जा रहा है, तो कहीं यूरिया मिले पनीर और वनस्पति तेल में बना नकली घी बरामद हो रहा है। त्योहारों में मांग बढ़ते ही मिलावटखोरों की ‘मीठी साजिश’ शुरू हो जाती है, जहां दिखने में स्वादिष्ट लगने वाली मिठाइयां सेहत के लिए जहर साबित होती हैं। इन नकली मावों में सिंथेटिक मिल्क सॉलिड्स और स्टार्च मिलाया जा रहा है, जो दिखने में तो असली लगते हैं लेकिन शरीर के लिए बेहद नुकसानदेह हैं।
एक लड्डू भी पड़ सकता है भारी अगर मिठाई या नमकीन में मिलावट है, तो एक छोटा सा लड्डू या बर्फी का टुकड़ा भी आपके लिवर, किडनी और इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डाल सकता है। इससे फूड पॉइजनिंग, उल्टी-दस्त, एलर्जी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। लगातार ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लिवर डैमेज, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि कैंसर तक का खतरा बढ़ सकता है। योग और प्राणायाम से आप इन हानिकारक प्रभावों को कम कर सकते हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार, कुछ विशेष आसन शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को मजबूत करते हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।
मिलावटी खाने से बढ़ने वाले खतरे
किडनी और लिवर डैमेज
याद्दाश्त कमजोर होना
आंखों में जलन या नजर कमजोर पड़ना
स्किन डिजीज और एलर्जी
अस्थमा और सांस की समस्या
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां
इन चीजों में पाई जाती है सबसे ज्यादा मिलावट और आर्टिफिशियल कलर्स
आइसक्रीम
सॉस
केक और पेस्ट्री
चिप्स
जैम और जेली
कैंडी
ब्रेड
मिलावट के असर से बचने के लिए करें ये योगासन
1. वज्रासन भोजन के तुरंत बाद किया जाने वाला यह एकमात्र आसन है जो पाचन को दुरुस्त रखता है। घुटनों के बल बैठें, एड़ियों पर नितंब टिकाएं, पीठ सीधी रखें और हाथ जांघों पर रखें। इसे 5 से 10 मिनट तक करने से गैस, एसिडिटी और कब्ज से राहत मिलती है।
2. पवनमुक्तासन यह आसन पेट में जमा गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। पेट फूलना या भारीपन महसूस हो तो यह आसन बेहद प्रभावी है।
3. भुजंगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। यह आसन शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
पश्चिमोत्तानासन यह कब्ज को दूर करता है और पाचन तंत्र को सक्रिय बनाता है। इससे पेट पर हल्का दबाव बनता है, जो भोजन को सही ढंग से पचाने में सहायक होता है। त्योहार का असली आनंद तभी है जब स्वाद के साथ सेहत भी बरकरार रहे। इस दिवाली, मिठास में मिलावट न आने दें, घर में बनी मिठाइयों का स्वाद अपनाएं और योग-प्राणायाम के साथ अपने शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखें।