बार-बार दौरे आने से जुड़ी मिर्गी को समझें:
क्यों पड़ता है दौरा और कौन सा अंग होता है सबसे ज्यादा प्रभावित
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
मिर्गी (Epilepsy) दुनिया की सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में से एक है, जिसमें दिमाग की विद्युत गतिविधि असामान्य हो जाती है। इसी कारण बार-बार दौरे पड़ते हैं। कई लोगों को यह बीमारी लंबे समय तक चलती है और दौरे कब आएंगे इसका अंदाज़ा लगाना भी कठिन होता है। डॉक्टरों के अनुसार समय पर इलाज और सही सावधानियों से मिर्गी के मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं। पीएसआरआई हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. भास्कर शुक्ला बताते हैं कि मिर्गी में दौरे कैसे आते हैं और इस बीमारी का सबसे अधिक असर किस अंग पर पड़ता है।
दौरे आने का कोई तय समय नहीं होता
मिर्गी के मरीजों में दौरे आने का कोई निश्चित समय नहीं होता। किसी व्यक्ति को हफ्तों या महीनों तक दौरा नहीं पड़ता, जबकि कुछ मरीजों में छोटे-छोटे ट्रिगर्स से अचानक दौरा आ सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि नींद की कमी, तनाव, तेज रोशनी, दवा मिस करना या शराब का सेवन दौरा बढ़ाने वाले मुख्य कारण हैं। इसलिए मरीजों को हमेशा अपनी दवा समय पर लेनी चाहिए और ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जो दौरे को ट्रिगर कर सकती हैं।
मिर्गी में दिमाग होता है सबसे ज्यादा प्रभावित
मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो सीधे दिमाग को प्रभावित करती है। जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में अचानक तेज और अनियंत्रित विद्युत गतिविधि होती है, तो दौरा शुरू होता है। जिस हिस्से में समस्या होती है, उसी के अनुसार लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ लोगों में पूरा शरीर झटके लेने लगता है, कुछ में कुछ देर के लिए बेहोशी छा जाती है या व्यक्ति एक जगह घूरने लगता है। कई बार सिर्फ शरीर का एक हिस्सा कुछ सेकंड के लिए जकड़ जाता है। यही वजह है कि मिर्गी को दिमाग से जुड़ी सबसे संवेदनशील बीमारी माना जाता है।
समय पर इलाज से सामान्य जीवन संभव
डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज नियमित दवा ले और डॉक्टर की सलाह माने तो मिर्गी को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। नींद पूरी लेना, तनाव कम करना और शराब से दूरी रखना जरूरी है। अगर दवा लेने के बाद भी बार-बार दौरे आ रहे हों तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज मिल जाए तो मिर्गी के रोगी पढ़ाई, नौकरी, यात्रा और सामान्य जीवन के सभी काम कर सकते हैं।