पैरों में दिख रहे है ये बदलाव,
तो समझ जाएं आपको है फैटी लिवर की समस्या, फौरन करायें इलाज
22 days ago Written By: ANJALI
दुनिया भर में लिवर से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) आज के समय में एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह रोग मुख्य रूप से हमारी लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों से जुड़ा है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।
पेडल एडिमा: पैरों की सूजन का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, फैटी लिवर का एक शुरुआती और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला लक्षण है पेडल एडिमा, यानी पैरों में सूजन। अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह धीरे-धीरे लिवर सिरोसिस या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। फैटी लिवर या हेपेटिक स्टियाटोसिस की स्थिति में लिवर में वसा की मात्रा सामान्य से अधिक जमा हो जाती है। यह वसा धीरे-धीरे लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करने लगती है।
किन कारणों से होता है फैटी लिवर?
NAFLD आमतौर पर मोटापा, डायबिटीज, अस्वस्थ खान-पान और शारीरिक निष्क्रियता से जुड़ा हुआ है। अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो यह धीरे-धीरे NASH, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है।
पेडल एडिमा की पहचान कैसे करें?
पेडल एडिमा को घर पर भी आसानी से पहचाना जा सकता है। इसके लिए अपने पैरों, खासकर टखनों के ऊपर, कुछ सेकेंड तक अंगुलियों से दबाव डालें। अगर दबाव हटाने के बाद त्वचा पर गड्ढा या निशान रह जाए तो इसे पीटिंग एडिमा कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूजे हुए पैरों को सिर्फ थकान या लंबे समय तक खड़े रहने की वजह मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह लिवर डैमेज का शुरुआती संकेत हो सकता है।
समय पर इलाज से बचाव
फैटी लिवर के लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाय समय पर पहचान और इलाज जरूरी है। शुरुआती स्टेज में इसका सही प्रबंधन करके न केवल लिवर को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है बल्कि यह जीवन रक्षक भी साबित हो सकता है।