जूस नहीं, फल खाएं, न्यूट्रिशनिस्ट बोले,
पैक्ड जूस तो सिर्फ मीठा पानी है
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
अगर आप भी हेल्दी रहने के लिए फलों की जगह जूस पीते हैं, तो अब सावधान हो जाइए। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, जूस नहीं बल्कि साबुत फल ही असली पोषण का स्रोत हैं। फलों में पाए जाने वाले विटामिन, मिनरल्स और फाइबर शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, जबकि जूस पीने से सिर्फ शुगर बढ़ती है।
जूस के नाम पर मीठा घोल पी रहे लोग आजकल ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फलों का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। न्यूट्रिशनिस्ट और कई सेलिब्रिटीज के डायट एक्सपर्ट डॉ. सिद्धांत भार्गव ने एक वीडियो में कहा है कि बाजार में मिलने वाले पैक्ड जूस असल में सिर्फ “मीठा पानी” हैं। इनमें न तो असली पोषक तत्व बचते हैं और न ही फाइबर। इस वजह से यह शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
क्यों हानिकारक है फलों का जूस? डॉ. भार्गव के मुताबिक, जूस पीने से शरीर को फलों के मुकाबले कम पोषण मिलता है। जब हम साबुत फल खाते हैं, तो शरीर को फाइबर, विटामिन और खनिज प्राकृतिक रूप में मिलते हैं। इससे शुगर धीरे-धीरे शरीर में अवशोषित होती है। लेकिन जूस में फाइबर लगभग नहीं के बराबर होता है। यही कारण है कि जूस पीने के बाद ब्लड शुगर अचानक बढ़ जाता है। यही बढ़ी हुई शुगर आगे चलकर मोटापा, डायबिटीज और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है।
फाइबर क्यों है इतना जरूरी
फलों में मौजूद फाइबर शुगर को तुरंत ब्लड में जाने से रोकता है। इससे इंसुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है और शरीर एनर्जी को धीरे-धीरे उपयोग करता है। लेकिन जैसे ही फल का जूस निकाला जाता है, पूरा फाइबर अलग हो जाता है। इसके साथ ही जूस निकालने की प्रक्रिया में गर्मी से कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स नष्ट हो जाते हैं। नतीजा आपके हाथ में बस एक गिलास मीठा पानी रह जाता है।
न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह: जूस छोड़िए, फल खाइए डॉ. सिद्धांत भार्गव कहते हैं – अगर आप वाकई हेल्दी रहना चाहते हैं, तो जूस के बजाय सीधे फल खाइए। बाजार से पैक्ड जूस लेने की बजाय मौसमी फल घर लाएं। फलों को चबाकर खाने से शरीर को फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की पूरी मात्रा मिलती है। यही आदत आपकी सेहत को लंबे समय तक बनाए रखेगी।