एचआरसी टेस्ट: कैंसर का पता लगाने का नया ब्लड टेस्ट,
लेकिन अभी भी है प्रयोगात्मक
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
दुनियाभर में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यह बीमारी इतनी खतरनाक मानी जाती है कि इसका नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर का जितनी जल्दी पता चलता है, मरीज के बचने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। हाल ही में एचआरसी (HRC) ब्लड टेस्ट को लेकर चर्चा बढ़ी है। इस टेस्ट से शरीर में किसी भी हिस्से में कैंसर सेल्स की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह टेस्ट अभी पूरी तरह सटीक नहीं माना जाता।
HRC टेस्ट क्या है?
डॉक्टर वैशाली जमरे, डायरेक्टर एंड चीफ, ब्रेस्ट कैंसर सेंटर, एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल के अनुसार, HRC टेस्ट जिसे हिमांशु रॉय कैंसर परीक्षण भी कहा जाता है, एक नया ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट स्टेम सेल्स की मदद से शरीर में कैंसर के शुरुआती संकेत पहचानने का प्रयास करता है। ब्लड में पाए जाने वाले ये स्पेशल सेल्स शरीर के किसी भी हिस्से में कैंसर होने पर प्रकट हो सकते हैं। HRC टेस्ट एक एचआरसी स्कोर देता है, जो यह संकेत देता है कि कैंसर की संभावना है या नहीं।
प्रोस्टेट कैंसर में HRC टेस्ट की भूमिका
हालांकि HRC टेस्ट को पैन-कैंसर स्क्रीनिंग टूल के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन यह अभी एक्सपेरीमेंटल है। प्रोस्टेट कैंसर में इस टेस्ट को बायोप्सी का विकल्प नहीं माना जा सकता। बायोप्सी ही वह विश्वसनीय तरीका है जिससे कैंसर कोशिकाओं की उपस्थिति की पुष्टि होती है। इसके अलावा PSA ब्लड टेस्ट और MRI टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए अब भी सबसे भरोसेमंद तरीके हैं। HRC टेस्ट केवल एक एडिशनल टेस्ट हो सकता है, लेकिन इसे आधार बनाकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा जा सकता। डॉक्टर वैशाली जमरे की सलाह है कि HRC टेस्ट से मिले नतीजों को डॉक्टर की सलाह और अन्य परंपरागत जांचों के साथ ही देखें। शुरुआती स्टेज में चेतावनी संकेत पहचानने के लिए यह उपयोगी हो सकता है, लेकिन अकेले इसे कैंसर की पुष्टि का आधार नहीं बनाया जा सकता।