भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत के बीच जेमिमा रोड्रिग्स ने बताया,
टूर्नामेंट के दौरान एंग्जाइटी का शिकार थीं
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में वर्ल्ड कप में शानदार जीत दर्ज की और इतिहास रच दिया। टीम के हर खिलाड़ी के खेल और जज्बे की हर तरफ तारीफ हो रही है। लेकिन इस बीच टीम की खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्स ने अपने संघर्ष की कहानी साझा की, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। जेमिमा ने खुलासा किया कि पिछले कुछ मैचों के दौरान वह एंग्जाइटी और सेल्फ डाउट की समस्या से जूझ रही थीं। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट के शुरुआती दिनों में वह हर दिन रोती रहती थीं और मानसिक रूप से बहुत परेशान थीं।
जेमिमा रोड्रिग्स का अनुभव
जेमिमा ने बताया कि टूर्नामेंट की शुरुआत में वह बहुत तनाव में थीं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी मां को फोन करती और पूरे समय रोती रहती थी। जब आप बहुत स्ट्रेस में होते हैं, तो आप अपने आप को ब्लैंक महसूस करते हैं। यह अनुभव मेरे लिए काफी मुश्किल था।” उन्होंने यह भी बताया कि खराब फॉर्म और लगातार आलोचना ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाला।
एंग्जाइटी के लक्षण
जेमिमा के अनुभव से यह साफ होता है कि एंग्जाइटी एक गंभीर मानसिक समस्या हो सकती है। इसके आम लक्षणों में शामिल हैं:
- घबराहट और बेचैनी
- सांस लेने में दिक्कत
- तनाव, नींद न आना और चक्कर आना
- उल्टी, जी मिचलाना और पेट की समस्या
- थकान, कमजोरी और पसीना आना
- हाथ-पैर सुन्न या ठंडे पड़ना
- अचानक दिल की धड़कन बढ़ना
- उदासी और किसी काम में मन न लगना
एंग्जाइटी से कैसे निपटें
मानसिक स्वास्थ्य को फिजिकल हेल्थ की तरह ही महत्व देना जरूरी है। एंग्जाइटी का सामना करने के लिए जरूरी है कि आप अपनों से खुलकर बात करें और अपनी भावनाओं को साझा करें। गंभीर स्थिति में किसी मनोचिकित्सा या कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के जरिए इसका इलाज संभव है। जेमिमा की कहानी बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के बिना किसी भी खिलाड़ी के लिए खेल में सफलता पाना मुश्किल हो सकता है।