किडनी फेल होने से पहले पहचानें खतरे,
जानें कौन सा टेस्ट है सबसे सही
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
किडनी की सेहत पर ध्यान न देना खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार किडनी में खराबी के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते और थोड़ी परेशानी को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन किडनी फेल होने के बाद इसे ठीक करना मुश्किल हो जाता है। डायलिसिस और ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प ही बचते हैं। ऐसे में समय-समय पर अपनी किडनी की जांच कराना बेहद जरूरी है। आमतौर पर लोग किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) कराते हैं, लेकिन यह टेस्ट कई बार किडनी की सही स्थिति नहीं दिखा पाता।
किडनी फेल होने से पहले कैसे करें पहचान आयुर्वेदिक डॉक्टर सुगंधा ने इंस्टाग्राम पर बताया कि KFT में क्रिएटिनिन का स्तर तब बढ़ता है जब किडनी फेल हो चुकी होती है। इसलिए शुरुआती स्टेज में किडनी की समस्या का पता नहीं चलता। ऐसे में डॉक्टरों ने Cystatin C टेस्ट कराने की सलाह दी है।
Cystatin C टेस्ट क्यों है जरूरी Cystatin C एक प्रोटीन है जो शरीर में पाया जाता है। स्वस्थ किडनी इसे फिल्टर करके बाहर निकाल देती है। लेकिन अगर किडनी में समस्या है तो यह प्रोटीन खून में बढ़ा हुआ पाया जाता है। क्रिएटिनिन टेस्ट उम्र, मसल मास और अन्य कारकों से प्रभावित हो सकता है, लेकिन Cystatin C टेस्ट अधिक भरोसेमंद है।
किसे कराना चाहिए यह टेस्ट अगर आपकी उम्र 55 साल से ऊपर है, रोजाना जिम जाते हैं और प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं, डायबिटिक हैं, हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या मोटापे से जूझ रहे हैं, तो Cystatin C टेस्ट कराना चाहिए। इसे साल में एक बार कर सकते हैं।
घर पर चेक करने का तरीका इसके अलावा घर पर ही पेशाब में झाग देखकर किडनी की जांच का शुरुआती अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर यूरिन में झाग दिखे और प्रोटीन मिले, तो तुरंत टेस्ट कराएं। यह टेस्ट 1200 से 1500 रुपये में किया जा सकता है और किडनी की हेल्थ जानने का आसान तरीका है। समय पर सही टेस्ट कराना किडनी फेल होने से बचने का सबसे भरोसेमंद उपाय है।