किडनी की सेहत कैसे रखें सुरक्षित? जरूरी टेस्ट,
लक्षण और देखभाल की पूरी रिपोर्ट
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
किडनी हमारे शरीर का बेहद जरूरी अंग है, क्योंकि यही शरीर को साफ रखने का काम करती है। किडनी खून से गंदगी, टॉक्सिन और अतिरिक्त पानी निकालकर यूरिन के रूप में बाहर भेजती है। हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं और अगर इनमें से एक खराब भी हो जाए, तो भी इंसान सामान्य रूप से जी सकता है। लेकिन किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और नियमित जांच बहुत जरूरी है। डॉक्टरों के अनुसार, समय रहते टेस्ट करवाने से किडनी से जुड़ी बीमारियों का पता जल्दी चल जाता है और इलाज आसान होता है।
किडनी ठीक है या नहीं, कैसे पता करें?
किडनी के सही काम करने की जांच के लिए दो मुख्य और आसान टेस्ट किए जाते हैं। पहला है क्रिएटिनिन टेस्ट, जो यह बताता है कि किडनी खून को कितनी ठीक तरह से फिल्टर कर रही है। दूसरा है यूरिन रूटीन टेस्ट, जिससे पता चलता है कि यूरिन में प्रोटीन तो नहीं जा रहा, या पेशाब में कोई इंफेक्शन तो नहीं है। ये दोनों टेस्ट शुरुआती स्टेज में ही किडनी की सेहत की स्पष्ट जानकारी दे देते हैं।
किडनी के कौन-कौन से टेस्ट कराए जाते हैं?
अगर शुरुआती टेस्ट में कोई गड़बड़ी मिले, तो डॉक्टर एक्सटेंडेड किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इसमें यूरिया, यूरिक एसिड, कैल्शियम, फॉस्फेट आदि की जांच होती है। जरूरत के अनुसार 24 घंटे का यूरिन प्रोटीन टेस्ट भी किया जाता है ताकि यह पता चले कि शरीर से कितनी मात्रा में प्रोटीन यूरिन के साथ बाहर जा रहा है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड से किडनी के आकार, सूजन या किसी और समस्या की जांच की जाती है।
किडनी खराब होने के लक्षण क्या हैं?
किडनी में गड़बड़ी होने पर शरीर कई संकेत देता है, लेकिन ये देर से दिखाई देते हैं। सबसे पहले बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। रात में बार-बार पेशाब आना या उल्टा बहुत कम पेशाब होना किडनी डैमेज का संकेत है। पेशाब का रंग बदलना और उसमें तेज गंध आना भी किडनी समस्या की ओर इशारा करता है। आंखों के नीचे सूजन, पैरों, हाथों और टखनों में फूलना किडनी खराब होने के प्रमुख लक्षण हैं। त्वचा में खुजली और रूखापन भी किडनी फंक्शन कम होने पर दिखाई देता है। क्रॉनिक किडनी डिजीज में नींद न आना, बार-बार आंख खुलना जैसी समस्या सामने आती है। गंभीर हालत में सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में ऐंठन, उल्टी, मितली और पेट खराब होना भी शामिल है।