अक्सर होने लगता है माइग्रेन का दर्द,
जानें इसे मैनेज करने के आसान तरीके
1 months ago Written By: ANJALI
माइग्रेन सिर्फ एक सामान्य सिरदर्द नहीं है, बल्कि यह ऐसा दर्द है जो रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर देता है। अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार, माइग्रेन सिर के एक हिस्से में धमक के साथ होने वाला गंभीर दर्द है। यह अक्सर कामकाज, पढ़ाई और सामाजिक जीवन में रुकावट पैदा कर देता है। हालांकि, अगर हम इसके ट्रिगर्स को पहचान लें और कुछ आसान कदम उठाएं, तो इस दर्द को काफी हद तक रोका और मैनेज किया जा सकता है।
माइग्रेन के प्रमुख ट्रिगर्स
सोने-जगने की आदतों में बदलाव
मौसम का बदलना
अल्कोहल का सेवन
फूड एडिटिव्स (MSG आदि)
महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव
कुछ खास दवाओं का प्रभाव
तनाव और मानसिक दबाव
माइग्रेन मैनेज करने के आसान तरीके
1. डायरी बनाएं
माइग्रेन अटैक कब और किन परिस्थितियों में होता है, इसे नोट करना बेहद जरूरी है। एक डायरी या मोबाइल ऐप में यह लिखें कि दर्द किस समय हुआ, कितनी देर रहा और कौन-सी दवा ली गई। इससे आप अपने पर्सनल ट्रिगर्स को पहचान पाएंगे।
2. स्ट्रेस मैनेज करें
माइग्रेन को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। सही खानपान, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकें (जैसे योग और मेडिटेशन) बेहद असरदार होती हैं।
3. अन्य उपचार के तरीके
दर्द से राहत पाने के लिए एक्यूपंक्चर, आयुर्वेदिक इलाज और नेचुरल सप्लीमेंट्स भी मददगार हो सकते हैं। लेकिन इन्हें अपनाने से पहले हमेशा किसी योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें।
4. प्रीवेंटिव थैरेपी
अगर माइग्रेन बार-बार होता है तो डॉक्टर की सलाह से प्रीवेंटिव मेडिसिन लेना फायदेमंद हो सकता है। खासकर मौसम बदलने या तापमान में अचानक बदलाव के समय इन दवाओं का सहारा लिया जाता है।
5. खानपान पर ध्यान दें
डाइट माइग्रेन को ट्रिगर करने में बड़ी भूमिका निभाती है। एक्सपर्ट कैफीन और शुगर की मात्रा सीमित रखने और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहने की सलाह देते हैं। आहार में प्रोटीन, हरी सब्जियां और प्राकृतिक चीजें शामिल करें। किसी भी पैक्ड फूड के लेबल पर सामग्री साफ न लिखी हो तो उसे खाने से बचें। माइग्रेन एक क्रॉनिक बीमारी है लेकिन इसके ट्रिगर्स को पहचानकर और सही मैनेजमेंट तकनीकें अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। हेल्दी डाइट, स्ट्रेस फ्री लाइफ और डॉक्टर की गाइडेंस से इस दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है।