हर दर्द पर खा लेते है पेनकिलर, तो हो जाएं सावधान,
किडनी पर पड़ता है असर
1 months ago
Written By: ANJALI
आजकल सिरदर्द, कमरदर्द, जोड़ों का दर्द या पीरियड्स पेन जैसी आम समस्याओं से राहत पाने के लिए लोग तुरंत पेनकिलर खा लेते हैं। कई लोगों को तो आदत पड़ जाती है कि हल्का सा दर्द होते ही गोली ले ली जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार पेनकिलर का सेवन करना आपकी किडनी की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है?
पेनकिलर कैसे काम करते हैं?
ज़्यादातर पेनकिलर (जैसे- आइबुप्रोफेन, डिक्लोफेनैक, नैप्रोक्सन आदि) शरीर में बनने वाले प्रोस्टाग्लैंडिन्स को रोकते हैं। यही केमिकल दर्द और सूजन को बढ़ाते हैं। जब दवा इन्हें रोक देती है, तो दर्द कम हो जाता है। लेकिन यही प्रोस्टाग्लैंडिन्स किडनी तक खून का फ्लो बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए बार-बार दवा खाने से किडनी को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता और उसकी कार्यक्षमता घटने लगती है।
किडनी पर पड़ने वाले नुकसान
खून की सप्लाई कम होना – बार-बार पेनकिलर लेने से किडनी तक खून का प्रवाह घट जाता है।
किडनी डैमेज – लंबे समय तक आदत पड़ने पर Analgesic Nephropathy नामक स्थिति हो सकती है, जिसमें किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है।
क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) – लगातार पेनकिलर खाने से इंसान CKD का मरीज बन सकता है।
ब्लड प्रेशर बढ़ना – पेनकिलर ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित करते हैं और हाई BP खुद किडनी का बड़ा दुश्मन है।
किन लक्षणों पर ध्यान दें?
अगर आप पेनकिलर का बार-बार सेवन कर रहे हैं और इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें—
पैरों या टखनों में सूजन
पेशाब कम होना या झागदार पेशाब
लगातार थकान और कमजोरी
ब्लड प्रेशर हाई रहना
भूख कम लगना
किडनी को कैसे रखें सुरक्षित?
पेनकिलर को आदत न बनाएं, केवल इमरजेंसी या डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
दर्द का असली कारण जानें और उसका सही इलाज करवाएं।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, इससे किडनी फ्लश करने में मदद मिलती है।
एक्सरसाइज़, संतुलित डाइट और स्ट्रेस कंट्रोल जैसी हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
नियमित चेकअप कराते रहें और जरूरत पड़ने पर किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं।