उबालकर चावल पकाना या कुकर में पकाना,
सेहत के लिहाज से कौन सा है बेहतर
1 months ago Written By: ANJALI
भारतीय थाली में चावल का खास स्थान है। दाल, सब्जी या नॉनवेज — किसी भी खाने के साथ चावल खाने का मज़ा अलग ही होता है। बिरयानी और पुलाव तो और भी लाजवाब लगते हैं। खास बात यह है कि चावल जल्दी पक जाते हैं और खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं। भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोग चावल को अलग-अलग तरीकों से पकाते हैं—कुकर, भगोना या पसा कर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चावल पकाने का तरीका हमारी सेहत पर भी असर डालता है?
प्रेशर कुकर में चावल
कुकर में सिर्फ 2 सीटी में चावल आसानी से पक जाते हैं। इसमें समय की बचत होती है और चावल का फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन बरकरार रहता है। साथ ही इसमें मौजूद स्टार्च भी बना रहता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा महसूस होता है और बार-बार भूख नहीं लगती। वजन कंट्रोल करने वालों के लिए यह तरीका फायदेमंद है। कुकर में बने चावल पाचन के लिए भी अच्छे माने जाते हैं।
उबालकर चावल पकाना
कुछ लोग चावल को भगोने में उबालकर पकाना पसंद करते हैं, खासकर फिटनेस फ्रीक लोग। उबले चावल में कार्बोहाइड्रेट भरपूर होता है, जो एनर्जी बनाए रखने में मदद करता है। पाचन संबंधी समस्या वाले लोगों के लिए यह तरीका फायदेमंद है। धीमी आंच पर चावल उबालने पर इसमें मौजूद स्टार्च जिलेटिनाइज होकर एनर्जी का अच्छा सोर्स बनता है। साथ ही चावल के पोषक तत्व पानी में घुलकर मांड में मिल जाते हैं, जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। हालांकि, अगर चावल को पसा दिया जाए यानी मांड फेंक दी जाए, तो इसके साथ न्यूट्रिशन भी बाहर निकल जाते हैं और चावल कम फायदेमंद रह जाते हैं।
कौन सा तरीका बेहतर है?
दोनों तरीकों के अपने फायदे हैं, लेकिन सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो प्रेशर कुकर में चावल पकाना ज्यादा सही माना जाता है। इससे चावल जल्दी पकते हैं, सारे पोषक तत्व बने रहते हैं और यह पचाने में भी आसान होते हैं। वहीं, चावल को उबालने में ज्यादा समय लगता है और मांड फेंकने पर न्यूट्रिशन कम हो जाता है। अगर आप चाहते हैं कि चावल जल्दी पकें और उनके सारे पोषक तत्व भी बरकरार रहें, तो प्रेशर कुकर में चावल पकाना सबसे अच्छा विकल्प है। वहीं, अगर आप उबले चावल खाना पसंद करते हैं तो उनका मांड ज़रूर इस्तेमाल करें, ताकि न्यूट्रिशन बरकरार रहे।