क्यों रोना सेहत के लिए है फायदेमंद,
जानिए क्या कहती है रिसर्च
1 days ago
Written By: ANJALI
आंखों से गिरने वाले आंसू सिर्फ हमारी भावनाओं का इजहार नहीं करते, बल्कि इनके पीछे गहरा वैज्ञानिक और मेडिकल महत्व छिपा है। रिसर्च के अनुसार, आंसुओं में कई तरह के एंजाइम्स, प्रोटीन और बायो-केमिकल्स पाए जाते हैं, जो शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। हाल ही में हुए अध्ययनों से यह भी सामने आया है कि आंसू न केवल आपको लंबी उम्र जीने में मदद कर सकते हैं, बल्कि आपकी शादीशुदा जिंदगी को भी खुशहाल बना सकते हैं।
आंसुओं के तीन प्रकार
1. बेसल टियर्स (Basal Tears)
ये आंसू आंखों में हमेशा बनते रहते हैं। यह आंखों की नमी, पोषण और सुरक्षा बनाए रखने का काम करते हैं।
2. रिफ्लेक्स टियर्स (Reflex Tears)
ये आंसू तब निकलते हैं जब आंखों में धुआं, प्याज काटने या किसी तरह की जलन होती है। यह शरीर की रक्षा प्रणाली को दर्शाते हैं।
3. इमोशनल टियर्स (Emotional Tears)
ये आंसू दुख, गुस्सा, खुशी या स्ट्रेस जैसी भावनाओं के कारण निकलते हैं। इन्हीं आंसुओं को लेकर रिसर्च की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनके जरिए किन बीमारियों का इलाज संभव है।
आंसुओं में क्या होता है?
लाइसोजाइम एंजाइम (Lysozyme Enzyme): बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है।
प्रोटीन (Proteins): लैक्रीमल ग्लैंड्स से निकलकर आंखों की नमी बनाए रखते हैं।
हार्मोनल बायोकेमिकल्स: स्ट्रेस के समय निकलते हैं, जिससे रोने पर तनाव कम होता है।
एनकैफेलिन्स (Enkephalins): यह एक प्राकृतिक पेनकिलर की तरह काम करता है और दर्द को कम करता है।
रिसर्च क्या कहती है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) और American Psychological Association (APA) की रिपोर्ट के अनुसार, इमोशनल आंसुओं के जरिए शरीर से ऐसे हार्मोन बाहर निकलते हैं, जो स्ट्रेस के दौरान जमा हो जाते हैं। रोने के बाद शरीर में ऑक्सिटोसिन (Oxytocin) और एंडॉर्फिन (Endorphins) बढ़ जाते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है और मन हल्का महसूस करता है। अभी तक आंसुओं का सीधा मेडिकल इस्तेमाल नहीं हुआ है, लेकिन लाइसोजाइम को आंसू या लार से निकालकर स्किन क्रीम, आई ड्रॉप्स और सैनिटाइज़र में शामिल किया जा सकता है।