सर्दियों में उदासी या थकान:
क्या यह सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) हो सकता है?
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
जैसे ही दिन छोटे होने लगते हैं और धूप कम होती है, कई लोग अपने मूड में बदलाव महसूस करते हैं। मन भारी लगना, थकान, काम में मन न लगना या किसी चीज़ में दिलचस्पी न होना आम तौर पर सर्दियों की उदासी या विंटर ब्लूज़ के रूप में देखा जाता है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, यह सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) नामक मानसिक स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। समय रहते इसे पहचानना और सही इलाज करवाना जरूरी है, ताकि यह रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित न करे।
सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है?
डॉक्टर आस्तिक जोशी के अनुसार, SAD एक प्रकार का मूड डिसऑर्डर है जो हर साल खास मौसम, आमतौर पर सर्दियों में बार-बार दिखाई देता है। इस दौरान व्यक्ति का मूड लगातार उदास रहता है और ऊर्जा कम महसूस होती है। यह किसी बड़े मूड डिसऑर्डर जैसे मेजर डिप्रेशन या बाइपोलर डिसऑर्डर का संकेत भी हो सकता है।
SAD के लक्षण
लगातार उदासी या निराशा का भाव
प्रेरणा की कमी और रुचि वाले कामों में अरुचि
थकान या ऊर्जा की कमी
नींद में बदलाव – ज़्यादा सोना या नींद न आना
भूख में बदलाव, खासतौर पर मीठा या कार्बोहाइड्रेट्स खाने की इच्छा
एकाग्रता में कमी
गंभीर मामलों में निराशा या आत्मघाती विचार
SAD के कारण
SAD का मुख्य कारण सर्दियों में सूर्य की रोशनी की कमी मानी जाती है। सूर्य प्रकाश की कमी से शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित होती है, जिससे सेरोटोनिन (मूड नियंत्रित करने वाला रसायन) का स्तर घटता है और मेलाटोनिन (नींद नियंत्रित करने वाला हार्मोन) असंतुलित हो जाता है।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
अगर हर साल किसी मौसम में मूड में बदलाव महसूस होता है और यह लंबे समय तक रहता है, तो तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें। समय पर इलाज से SAD को नियंत्रण में लाया जा सकता है और यह आपकी जीवनशैली पर असर नहीं डालता।
SAD का इलाज
इसका इलाज साइकोथेरेपी, लाइट थेरेपी, एंटीडिप्रेसेंट दवाएं और जीवनशैली में सुधार जैसे नियमित व्यायाम, सामाजिक जुड़ाव और दिन में धूप लेना शामिल हैं। हल्का मन उदास होना आम है, लेकिन लंबे समय तक बनी उदासी को नज़रअंदाज़ न करें। SAD पूरी तरह इलाज योग्य है और हेल्दी लाइफस्टाइल से इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।