Hello Doctor : हीट स्ट्रोक और डायरिया से अब घबराना नहीं,
अपने डॉक्टर से लें बच्चों को गर्मी से बचाने की खास टिप्स
1 months ago Written By: Ujjwal Somvanshi
तेज़ गर्मी का मौसम आते ही बच्चों में बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डायरिया, उल्टी-दस्त, लू और हीट स्ट्रोक जैसे मामले अचानक बढ़ जाते है। UP NEWS के हेल्थ स्पेशल Hello Doctor में हमने बात की जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित शुक्ला से, जिन्होंने बताया कि किन सावधानियों से हम बच्चों को इस मौसम में सुरक्षित रख सकते हैं। आइये जानते हैं कि इस गर्मी के मौसम में बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें...
सवाल: डॉक्टर साहब, गर्मी में बच्चों को कौन-कौन सी बीमारियां सबसे ज़्यादा परेशान करती हैं?
जवाब:इस मौसम में सबसे ज़्यादा खतरा डायरिया और लू जैसी बीमारियों से होता है। छोटे बच्चे जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वे जल्दी इन संक्रमणों की चपेट में आ जाते हैं। खासकर जब वे बाहर खेलते हैं या खुले में रखे हुए पानी व खाने का सेवन करते हैं, तो बैक्टीरिया और वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर लेते हैं। गर्मी में पसीना ज़्यादा निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और डिहाइड्रेशन के लक्षण शुरू हो जाते हैं। यही लू का खतरा भी बढ़ा देता है।
सवाल: डायरिया के लक्षण कैसे पहचानें और शुरुआती कदम क्या होने चाहिए?
जवाब:अगर बच्चा दिन में तीन से चार बार से ज्यादा पतली पॉटी करने लगे, साथ में उल्टी भी हो और शरीर बुखार से गरम हो, तो ये डायरिया के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। कई बार बच्चा सुस्त हो जाता है और कुछ खाने-पीने में दिलचस्पी नहीं दिखाता। ऐसे में पहली सलाह यही है कि बच्चे को तुरंत ORS का घोल दिया जाए ताकि शरीर में पानी और नमक की कमी पूरी हो सके। यह एक ऐसा वक्त होता है जब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने में देरी नहीं करनी चाहिए।
सवाल: लू लगना बच्चों के लिए कितना खतरनाक है और इसके संकेत क्या होते हैं?
जवाब:लू लगना एक सीरियस हेल्थ इमरजेंसी है। गर्मी में जब बच्चा सीधी धूप में ज्यादा देर तक रहता है और शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है, तो लू लगने की आशंका बढ़ जाती है। इसके संकेतों में सिर दर्द, शरीर में तेज़ गर्मी महसूस होना, कमजोरी, सुस्ती, और सबसे महत्वपूर्ण — पसीने का रुक जाना शामिल है। कई बार बच्चा चक्कर भी खा सकता है या बेहोश हो सकता है। ये लक्षण नजर आते ही बच्चे को ठंडी जगह लाकर आराम देना चाहिए और तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए।
सवाल: डॉक्टर साहब, गर्मी में लू से बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?
जवाब:बच्चों को दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक धूप में जाने से रोकें। अगर उन्हें स्कूल या अन्य जरूरी काम से बाहर जाना है तो सिर पर हल्की टोपी, सूती कपड़े और साथ में पानी की बोतल जरूर दें। गर्मी में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए पानी, नींबू पानी, नारियल पानी या ORS जैसे तरल पदार्थ बेहद जरूरी हैं। बच्चों को खेल के समय बार-बार रुककर पानी पीने की आदत डालें और अगर संभव हो तो उन्हें अधिकतर समय घर के अंदर ठंडी जगह पर रखें।
सवाल: खाने-पीने को लेकर कौन सी सावधानियां जरूरी हैं?
जवाब:गर्मियों में बाहर का खाना बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा होता है। खासकर सड़क किनारे मिलने वाले कटे हुए फल, चाट, बर्फ वाले गोलगप्पे जैसे खाद्य पदार्थ संक्रमण का सबसे बड़ा स्रोत होते हैं। इनसे फूड पॉइजनिंग या डायरिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कोशिश करें कि बच्चों को ताजे फल, घर का बना खाना और उबला हुआ पानी ही दिया जाए। ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक बिल्कुल न दें क्योंकि इससे गले में खराश, बुखार और पेट की तकलीफें हो सकती हैं।
सवाल: छोटे बच्चों में हीट स्ट्रोक क्या होता है और इस स्थिति को कैसे संभालें?
जवाब:अगर बच्चे को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें—जैसे कि तेज़ बुखार, चक्कर, शरीर गर्म लेकिन पसीना नहीं—तो उसे तुरंत छायादार और ठंडी जगह पर लाएं। उसके कपड़े ढीले करें, शरीर पर गीले कपड़े की पट्टी रखें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसे समय में खुद से इलाज करने के बजाय मेडिकल एडवाइस लेना जरूरी होता है। छोटे बच्चों का शरीर तापमान कंट्रोल करने में सक्षम नहीं होता, इसलिए देर करना जानलेवा हो सकता है।
सवाल: क्या ORS हर समय घर में रखना जरूरी है?
जवाब:बिल्कुल। ORS बच्चों के लिए गर्मियों में रामबाण की तरह है। जब बच्चा डायरिया या लू का शिकार होता है, तो सबसे पहले शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और पानी की कमी होती है। ORS इस कमी को जल्दी पूरा करता है और बच्चे की हालत बिगड़ने से पहले ही नियंत्रण में ला देता है। हर घर में ORS के 2–3 पैकेट ज़रूर होने चाहिए और पेरेंट्स को इसका घोल बनाने का सही तरीका आना चाहिए।
सवाल: माता-पिता किन छोटी बातों का ध्यान रखकर बच्चों को गर्मी में बीमार होने से बचा सकते हैं?
जवाब:कई बार छोटी-छोटी लापरवाहियां बड़ी बीमारी में बदल जाती हैं। जैसे कि बच्चा प्यासा है लेकिन पानी नहीं पी रहा, या स्कूल जाते समय टोपी नहीं पहनाई गई। हाथ धोने की आदत न होना, बार-बार बाहर का खाना देना, और ठंडा पानी पिलाना—ये सब बड़ी बीमारियों का रास्ता बनाते हैं। बच्चों को सही समय पर पानी पिलाना, घर का ताजा खाना देना और साफ-सफाई बनाए रखना—यही उन्हें गर्मी में सुरक्षित रखने का सबसे आसान तरीका है।