पीरियड्स अनियमित हैं या बहुत थकान महसूस होती है?
हो सकते हैं इस बीमारी के लक्षण, जानें डिटेल
Health News: थायराइड एक छोटी-सी ग्रंथि है, लेकिन इसका शरीर पर प्रभाव किसी बड़ी मशीन के मोटर जैसा होता है। जब यह ग्रंथि असंतुलित हो जाती है, तो पूरे शरीर का सिस्टम गड़बड़ा सकता है। आज हम बात करेंगे थायराइड की गड़बड़ी के कारण शरीर पर होने वाले असर की, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। बहुत से लोग थायराइड का जिक्र होते ही मानसिक लक्षणों को समझते हैं, लेकिन शारीरिक लक्षण भी उतने ही गंभीर होते हैं।
थायराइड हार्मोन के असंतुलन का क्या असर?
थायराइड की समस्या तब सामने आती है जब यह ग्रंथि या तो बहुत ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है (हाइपरथायरायडिज्म) या बहुत कम (हाइपोथायरायडिज्म)। ये दोनों स्थितियां शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, हॉर्मोन बैलेंस और संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ लक्षणों के बारे में।
1. वजन में अचानक बदलाव
थायराइड हार्मोन का स्तर बिगड़ते ही शरीर के वजन में स्पष्ट बदलाव दिखने लगता है। हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है। हाइपरथायरायडिज्म (हार्मोन की अधिकता) में मेटाबॉलिज्म अत्यधिक तेज हो जाता है, जिससे बिना किसी प्रयास के वजन तेजी से घटने लगता है। यह सिर्फ बॉडी पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति पर भी असर डालता है।
2. थकान और मांसपेशियों की कमजोरी
थायराइड हार्मोन शरीर की ऊर्जा को कंट्रोल करता है। जैसे ही इसका स्तर असंतुलित होता है। आपको हमेशा थकान महसूस होती है, चाहे आप कोई मेहनत न भी करें। सामान्य काम भी भारी लगने लगते हैं, और खासकर पैरों और भुजाओं में कमजोरी साफ महसूस होती है। शरीर में ठंड अधिक लगती है, और किसी भी फिजिकल एक्टिविटी से बचने की आदत बनने लगती है। यह स्थिति धीरे-धीरे आपके जीवन की रफ्तार को रोक सकती है।
3. त्वचा और बालों में बदलाव
थायराइड की समस्या का एक असर आपकी बाहरी सुंदरता पर भी पड़ता है। हाइपोथायरायडिज्म में त्वचा रूखी, बेजान और कठोर हो जाती है। नमी की कमी से फटने और खुजली की समस्या बढ़ जाती है। बाल पतले और कमजोर हो जाते हैं, जिससे झड़ने लगते हैं। नाखून भी टूटने लगते हैं और उनकी मजबूती कम हो जाती है।
4. मूड स्विंग्स और मानसिक थकावट
थायराइड हार्मोन दिमाग के कामकाज पर सीधा असर डालता है। चिड़चिड़ापन, अचानक गुस्सा आना, घबराहट, डिप्रेशन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और चीज़ें भूलने की समस्या भी हो सकती है। मूड स्विंग्स के कारण व्यक्ति खुद को अस्थिर और असहज महसूस करता है, जिससे रिश्तों और प्रोफेशनल लाइफ पर असर पड़ता है। यह सब मानसिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है, अगर समय रहते इसे रोका न जाए।
5. महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां
थायराइड समस्या महिलाओं के हार्मोन संतुलन को सीधे प्रभावित करती है। मासिक चक्र अनियमित हो जाता है, कभी अत्यधिक ब्लीडिंग तो कभी पीरियड्स रुक जाते हैं। इससे गर्भधारण में दिक्कत आती है, और कई बार यह बांझपन का कारण भी बन सकता है। गर्भावस्था में थायराइड का संतुलन न बना रहने से शिशु के विकास पर भी असर हो सकता है। इसलिए महिलाओं को समय-समय पर थायराइड की जांच जरूर करवानी चाहिए, खासकर अगर पीरियड्स अनियमित हों या गर्भधारण में दिक्कत हो रही हो।