अगर आप में भी है विटामिन डी की कमी,
तो सप्लीमेंट्स का सेवन करने से पहले ध्यान में रखें ये बात
23 days ago Written By: ANJALI
विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बेहद अहम पोषक तत्व है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इम्युनिटी पर असर पड़ता है और मूड स्विंग्स जैसी दिक्कतें भी सामने आती हैं। इसके बावजूद आज भी ज्यादातर लोग इसकी कमी से जूझ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है—विटामिन-डी से जुड़ी जरूरी जानकारी का अभाव। आइए जानते हैं इससे जुड़ी तीन महत्वपूर्ण बातें।
रोजाना 20-30 मिनट की धूप है पर्याप्त
विटामिन-डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी है। जब त्वचा सूर्य की यूवी-बी किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर खुद ही विटामिन-डी का निर्माण करने लगता है। कई लोग यह सोचते हैं कि इसके लिए घंटों धूप में बैठना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं है। दिन में सिर्फ 20-30 मिनट की धूप लेना ही काफी होता है। सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक का समय सबसे सही माना जाता है। इस दौरान शरीर के कुछ हिस्सों जैसे हाथ-पैर धूप में खुले होने चाहिए और सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करना ही बेहतर रहता है।
सभी को जरूरी नहीं होते सप्लीमेंट्स
आजकल विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन यह हर किसी के लिए जरूरी नहीं हैं। सप्लीमेंट्स केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेने चाहिए, खासकर तब जब ब्लड टेस्ट में इसकी कमी पाई जाए। बिना जरूरत इन्हें लेने से शरीर में विटामिन-डी की मात्रा अधिक हो सकती है, जिससे किडनी स्टोन, मतली, उल्टी और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए स्वस्थ लोगों के लिए धूप और संतुलित आहार ही इसकी पूर्ति का सबसे सही तरीका है।
फैटी फिश और शाकाहारी विकल्प
अगर आप धूप से पर्याप्त विटामिन-डी नहीं ले पा रहे हैं, तो डाइट इसका दूसरा अहम स्रोत है। नॉन-वेजिटेरियन लोगों के लिए सालमन, मैकेरल और टूना जैसी फैटी फिश बेहतरीन विकल्प हैं। वहीं, शाकाहारी लोगों के लिए अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध, दही, संतरे का जूस और मशरूम अच्छे विकल्प माने जाते हैं। हालांकि, केवल डाइट से शरीर की रोजाना की पूरी जरूरत पूरी करना कठिन होता है। इसलिए आहार और धूप दोनों पर ध्यान देना जरूरी है। विटामिन-डी शरीर के लिए उतना ही जरूरी है जितना कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व। रोजाना थोड़ी देर धूप लेना, सही खानपान अपनाना और समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाना इसकी कमी से बचने के सबसे आसान और असरदार उपाय हैं।