ट्यूमर क्या है और क्यों बढ़ रहे मामले,
डॉक्टर की सलाह के साथ स्पष्ट जानकारी
3 days ago Written By: Aniket Prajapati
ट्यूमर शरीर की किसी भी जगह बन सकने वाला असामान्य कोशिकाओं का समूह होता है जिसे नेओप्लाज्म (Neoplasm) भी कहा जाता है। सामान्य तौर पर पुरानी या क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ खुद नष्ट हो जाती हैं और नई बनती हैं, लेकिन कभी-कभी कोशिकाएँ अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं और गांठ के रूप में जमा होकर ट्यूमर बना देती हैं। डॉक्टर अरुण शर्मा, हेड न्यूरोसर्जन, यथार्थ हॉस्पिटल नोएडा का कहना है कि हाल के वर्षों में ट्यूमर के मामले बढ़ रहे हैं। वे बताते हैं कि इसका मुख्य कारण प्रोसेस्ड फूड, खराब खान-पान, अस्वस्थ जीवनशैली और रेडिएशन हैं; इसके अलावा कुछ मामलों में जेनेटिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं। समय पर पहचान और इलाज बहुत जरूरी है।
ट्यूमर के मुख्य प्रकार ट्यूमर दो बड़े वर्गों में आते हैं — सौम्य (Benign) और घातक (Malignant)। सौम्य ट्यूमर कैंसरयुक्त नहीं होते। ये आम तौर पर धीरे-धीरे बढ़ते हैं, स्थानीय रहते हैं और आसपास के ऊतकों पर आक्रमण नहीं करते। कई बार इनको सर्जरी से हटाया जा सकता है और अक्सर ये फिर नहीं बनते। पर ध्यान रहे — यदि ये मस्तिष्क जैसे संवेदनशील अंग पर दबाव डालें तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
घातक ट्यूमर, जिन्हें कैंसर कहा जाता है, तेज़ी से बढ़ते और आक्रामक होते हैं। ये आसपास के ऊतकों में फैलते हैं और रक्त या लसीका के जरिए शरीर के दूरस्थ हिस्सों तक पहुँच सकते हैं (मेटास्टेसिस)। इनका इलाज अक्सर सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का संयोजन होता है।
क्या हर ट्यूमर कैंसर है? नहीं। सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते। ज्यादातर ट्यूमर कैंसर-रहित होते हैं और सीधे अन्य अंगों को नुकसान नहीं पहुँचाते। फिर भी किसी भी गांठ या असामान्य वृद्धि को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए — समय पर जांच और उपचार से गंभीर परिणाम रोके जा सकते हैं।
रोकथाम और सतर्कता डॉक्टर अरुण शर्मा का सुझाव है कि संतुलित आहार, प्रोसेस्ड फूड से दूरी, नियमित व्यायाम, धूप और रेडिएशन से सावधानी और परिवारिक इतिहास की जानकारी रखना जरूरी है। किसी भी असामान्य गाठ, लगातार दर्द, वजन में अनियंत्रित बदलाव या लगातार थकान जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। समय पर निदान और सही उपचार से जीवन रक्षक परिणाम हासिल किये जा सकते हैं।