क्यों मिलाई जाती है बीयर में चीनी,
जानें इसके पीछे का विज्ञान और असर
1 months ago Written By: ANJALI
बीयर दुनिया के सबसे पुराने और लोकप्रिय पेयों में से एक है। इसे बनाने की परंपरा हजारों साल पुरानी है, लेकिन समय के साथ इसमें कई तरह के बदलाव और प्रयोग होते रहे हैं। आमतौर पर बीयर जौ, हॉप्स, पानी और यीस्ट से तैयार की जाती है, लेकिन कई बार इसमें अतिरिक्त चीनी भी डाली जाती है। आइए जानते हैं कि आखिर बीयर में चीनी क्यों मिलाई जाती है और इसका असर क्या होता है।
बीयर बनाने की प्रक्रिया
बीयर बनाने में सबसे पहले जौ को पानी में भिगोकर अंकुरित किया जाता है और इससे माल्ट तैयार किया जाता है। माल्ट में प्राकृतिक शर्करा होती है, जिसे यीस्ट फर्मेंटेशन के दौरान अल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है। इसी प्रक्रिया से बीयर में उसका स्वाद और झाग पैदा होता है।
बीयर में चीनी क्यों मिलाई जाती है?
1. अल्कोहल का स्तर बढ़ाने के लिए
कई बार माल्ट पर्याप्त शर्करा नहीं देता। ऐसे में ब्रुअर्स बीयर में अतिरिक्त चीनी मिलाते हैं ताकि यीस्ट को और ज्यादा फीड मिले और अल्कोहल की मात्रा बढ़ सके। इससे बीयर स्ट्रॉन्ग बनती है।
2. स्वाद और कलर को बैलेंस करने के लिए
कुछ बीयर स्टाइल्स, जैसे बेल्जियन एले और लाइट लेगर में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे बीयर का स्वाद ज्यादा स्मूद और ड्राई हो जाता है, साथ ही कलर और फ्लेवर भी बैलेंस रहते हैं।
3. बीयर को हल्का बनाने के लिए
माल्ट-आधारित बीयर कई बार भारी और मीठी लग सकती है। चीनी मिलाने से बीयर की बॉडी पतली हो जाती है और इसका स्वाद ज्यादा क्रिस्प और क्लीन हो जाता है। यही वजह है कि एशिया और लैटिन अमेरिका के कई देशों में बनी बीयर में चीनी मिलाना आम बात है।
ज्यादा चीनी के नुकसान
हालांकि, अधिक मात्रा में चीनी मिलाने से बीयर का स्वाद आर्टिफिशियल या जरूरत से ज्यादा मीठा लग सकता है। यही कारण है कि प्रीमियम ब्रुअरीज और क्राफ्ट बीयर मेकर्स प्राकृतिक माल्ट पर ज्यादा ध्यान देते हैं और चीनी का प्रयोग सीमित रखते हैं।