सर्दियों में पुरानी हड्डियों का दर्द क्यों बढ़ जाता है? जानिए डॉक्टर क्या कहते हैं,
और कैसे करें राहत
1 months ago
Written By: Aniket Prajapati
सर्दियों के मौसम में ठंड के साथ एक आम समस्या सामने आती है.पुराने फ्रैक्चर, मोच या जोड़ों की सर्जरी वाले हिस्सों में दर्द का फिर से उभरना। यह समस्या खासतौर पर बुजुर्गों या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जिन्हें पहले हड्डियों से जुड़ी चोट लगी हो, डॉक्टरों का कहना है कि तापमान गिरने पर शरीर की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ने लगती हैं, जिससे रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसके कारण पुराने चोट वाले हिस्से में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, और वहां के टिश्यू ठंडे व सख्त महसूस होने लगते हैं। यही वजह है कि सर्दियों में दर्द, अकड़न और सूजन फिर से लौट आती है।
ठंड में दर्द बढ़ने की असली वजह
डॉ. बताते हैं कि जिन लोगों को पहले से गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस या पुराना फ्रैक्चर हुआ हो, वे ठंड में दर्द ज्यादा महसूस करते हैं क्योंकि तापमान कम होने पर जोड़ों की नसें संवेदनशील हो जाती हैं। इसके अलावा, सर्दियों में लोग कम बाहर निकलते हैं और धूप की कमी से विटामिन D और कैल्शियम का स्तर घट जाता है। इससे हड्डियाँ कमजोर पड़ती हैं और पुरानी चोट वाले हिस्सों में दर्द बढ़ता है। ठंड में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए मांसपेशियों को संकुचित करता है। यह संकुचन पुराने चोट वाले हिस्से की कमजोर मांसपेशियों को और सख्त बना देता है, जिससे दर्द और बढ़ जाता है।
खानपान में सुधार से मिल सकती है राहत
डॉक्टरों के अनुसार, संतुलित आहार से इस दर्द को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। आहार में कैल्शियम, विटामिन D और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें जैसे दूध, दही, पनीर, मछली, बादाम, अखरोट आदि शामिल करें। धूप में बैठने से विटामिन D की प्राकृतिक आपूर्ति होती है। डॉ.सलाह देते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएं या तेल मालिश न करें, क्योंकि हर व्यक्ति की चोट की प्रकृति अलग होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
सर्दियों में पुराने चोट वाले हिस्से को हमेशा गर्म रखें और ठंडी हवा से बचाएं। वूलन बैंडेज या गर्म कपड़ों का प्रयोग करें। नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें ताकि रक्त प्रवाह बना रहे। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचें। घरेलू उपाय के रूप में हल्की गर्म सिकाई बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि यह रक्त संचार को बेहतर करती है और दर्द को कम करती है। अगर दर्द बढ़ने लगे, सूजन आए या चलने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।अगर हम ठंड के मौसम में अपने शरीर को गर्म रखें, नियमित रूप से चलें-फिरें और सही खानपान अपनाएं, तो पुराने हड्डी के दर्द को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।