सर्दियों में बढ़ती फेफड़ों की बीमारियां:
वर्ल्ड COPD डे पर जानें लक्षण और योग से बचाव
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
सर्दी का मौसम आते ही लोगों में खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न और थकान जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ये परेशानियां कई बार कमजोर फेफड़ों का संकेत होती हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। फेफड़ों के स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाया जाता है। COPD यानी Chronic Obstructive Pulmonary Disease एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, लेकिन शुरुआत में इसके लक्षण दिखने पर भी लोग इसे सामान्य खांसी-जुकाम समझ लेते हैं। इस दिन का मकसद लोगों को इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करना है।
क्या है COPD और क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड COPD डे
COPD एक ऐसी स्थिति है जिसमें हवा का प्रवाह बाधित हो जाता है और व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। धूम्रपान इसका सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा वायु प्रदूषण, धूल, रसायनों और जहरीले कणों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी बढ़ती है। वर्ल्ड COPD डे का उद्देश्य लोगों को इसके शुरुआती संकेत पहचानने और समय रहते इलाज कराने के लिए प्रेरित करना है।
कमज़ोर फेफड़ों के मुख्य लक्षण
कमजोर फेफड़ों को पहचानने के कई संकेत होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- सांस फूलना
- लगातार खांसी
- छाती में जकड़न या दर्द
- शरीर में थकान और कमजोरी
- सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज़
- बार-बार सर्दी, खांसी या फेफड़ों में संक्रमण
- शारीरिक क्षमता में कमी
- बलग़म का बढ़ना
- बहुत तेज़ या उथली सांसें
- होंठों या त्वचा का नीला पड़ना
ये सभी संकेत बताते हैं कि फेफड़ों की शक्ति कम हो रही है और ध्यान देने की जरूरत है।
योग से मिल सकती है राहत: स्वामी रामदेव के सुझाव
फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए योग बेहद लाभकारी माना जाता है।
भुजंगासन:
यह आसन छाती को फैलाता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है। इसे करने के लिए पेट के बल लेटें, दोनों हाथ कंधों के पास रखें और सांस भरते हुए शरीर का ऊपरी हिस्सा उठाएं। इसे 2–4 मिनट तक दोहराया जा सकता है।
अनुलोम-विलोम:
यह प्राणायाम फेफड़ों को साफ करता है, ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है।