बागेश्वर धाम सरकार की सनातन एकता पदयात्रा:
10 दिन में छतरपुर से वृंदावन तक गूंजेगा एकता और सनातन का संदेश
1 months ago Written By: Aniket Prajapati
बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर धर्म और समाज को एक सूत्र में बांधने के मिशन पर निकल चुके हैं। उनका विश्वास है कि 10 दिन की यह “सनातन एकता पदयात्रा” जाति-पाति और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर पूरे भारत के सनातनियों को एक साथ जोड़ देगी। इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और आध्यात्मिक जागरण भी है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि जब समाज एक स्वर में बोलेगा,“हम सब सनातनी हैं”,तभी राष्ट्र की आत्मा सशक्त होगी।
एकता, समरसता और सनातन संस्कृति का संगम
यह पदयात्रा न सिर्फ सनातनियों के बीच भाईचारे और समरसता का संदेश लेकर चल रही है, बल्कि इसका अंतिम पड़ाव भक्ति की राजधानी वृंदावन में होगा। यात्रा का समापन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के साथ किया जाएगा, जिससे यह यात्रा बालाजी भक्तों और ब्रजवासियों का दिव्य संगम बनेगी। शास्त्री जी का कहना है—“यह यात्रा भेदभाव मिटाकर सनातन धर्म की अखंड ध्वजा को ऊंचा करेगी।”
सनातन एकता पदयात्रा के प्रमुख संकल्प
इस यात्रा के माध्यम से कई सामाजिक और धार्मिक संदेश दिए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य भारत को एक गौरवशाली हिंदू राष्ट्र बनाना है।
समाज में समरसता और समानता स्थापित हो।
मां यमुना स्वच्छ, निर्मल और सुंदर बहे।
ब्रजधाम को मांस और मदिरा से पूर्ण रूप से मुक्त किया जाए।
गौ माता को “राष्ट्रमाता” का सम्मान मिले और गौ अभयारण्य की स्थापना हो।
प्राचीन वृंदावन की गौरवशाली परंपरा पुनः जीवित हो और उसके मंदिर व रज संरक्षित रहें।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो।
कैसे जुड़ सकते हैं इस पदयात्रा से?
इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। इच्छुक श्रद्धालु बागेश्वर धाम के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों और वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी, समय-समय पर धाम द्वारा जारी की जाएगी। इसके अलावा आयोजकों की ओर से संपर्क नंबर भी साझा किए गए हैं ताकि हर श्रद्धालु इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बन सके।
पदयात्रा का प्रस्तावित रूट मैप
शुभारंभ – 7 नवंबर 2025, छतरपुर मंदिर, दिल्ली से
इस दिव्य यात्रा में रोज़ाना पड़ाव, विश्राम और भंडारे की व्यवस्था की गई है।
पड़ाव 1: जीरखोद मंदिर (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 2: मेडिकल कॉलेज के पास (दोपहर भोजन), दशहरा मैदान, फरीदाबाद (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 3: बल्लभगढ़ मंडी (भोजन), सीकरी (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 4: पृथला (भोजन), पलवल (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 5: पलवल शुगर मिल (भोजन), मीतरोल (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 6: वनचारी (भोजन), होडल मंडी (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 7: कोटवन बॉर्डर (भोजन), कोसी मंडी (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 8: वेकमेड इंड. कंपनी (भोजन), गुप्ता रेजीडेंसी (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 9: यादव ढाबा (भोजन), राधा गोविंद मंदिर (रात्रि विश्राम)
पड़ाव 10: चारधाम छटीकरा (भोजन व आशीर्वचन), समापन श्री बांके बिहारी जी दर्शन, वृंदावन
अंतिम पड़ाव – ब्रजभूमि का दिव्य मिलन
16 नवंबर 2025 को जब यह पदयात्रा वृंदावन पहुंचेगी, तब श्री बांके बिहारी जी के दरबार में आरती और आशीर्वचन के साथ इसका समापन होगा। यह यात्रा एकता, श्रद्धा और सनातन के अद्भुत संगम के रूप में इतिहास में दर्ज होगी।