थाली में न छोड़े झूठा खाना,
घर पर पड़ता है गंभीर असर
1 months ago Written By: ANJALI
हिंदू धर्म में अन्न को मां अन्नपूर्णा का स्वरूप माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि भोजन देवताओं का प्रसाद है और इसका अनादर करने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग थाली में जरूरत से ज्यादा भोजन ले लेते हैं और उसे अधूरा छोड़ देते हैं। यह न केवल अपव्यय है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अशुभ माना गया है।
अन्न का अपमान का जीवन पर पड़ता है असर
थाली में जूठन छोड़ना मां अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने वाले व्यक्तियों के जीवन में धन, अन्न, सुख और समृद्धि की कमी बनी रहती है। कई बार व्यक्ति कड़ी मेहनत करता है, लेकिन उसे उसका फल नहीं मिलता। इसका कारण भोजन का अनादर भी हो सकता है।
लक्ष्मी और पितरों की कृपा नहीं मिलती
धार्मिक मान्यता है कि अन्न का अपमान करने वाले घरों में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता। ऐसे घरों में चाहे कितनी भी पूजा-पाठ हो, समृद्धि टिकती नहीं है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी नहीं मिलता और शनि देव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार थाली में जूठन छोड़ना कुंडली में चंद्रमा को कमजोर करता है। इसके चलते व्यक्ति मानसिक तनाव में रहता है और आयु पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। वहीं, बुध और गुरु ग्रह के कमजोर होने पर भी भोजन से जुड़ी लापरवाहियां जीवन में समस्याएं लाती हैं।
गाय को न दें जूठन
धार्मिक मान्यता यह भी है कि थाली में बचा हुआ भोजन, खासकर जूठा या फिर लहसुन-प्याज युक्त तामसिक भोजन, गाय को नहीं देना चाहिए। यह अनुचित और पाप माना जाता है। भोजन का सदैव सम्मान करना चाहिए। जितना भूख हो, उतना ही भोजन थाली में लें और उसे पूरा करने का प्रयास करें। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है, घर में समृद्धि आती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।