आचार्य चाणक्य की नीति: जिन घरों में दिखते हैं ये तीन गुण,
वहां रहती हैं माता लक्ष्मी की कृपा
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे, जिनकी नीतियां आज भी लोगों के जीवन को दिशा देती हैं। उनकी कही बातें हजारों साल बाद भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उस समय थीं। चाणक्य नीति में उन्होंने जीवन के हर पहलू पर गहन विचार किया है, चाहे वह परिवार हो, समाज हो या धन-संपत्ति का विषय। उन्होंने बताया है कि किन घरों में माता लक्ष्मी का स्थायी वास रहता है और वहां सुख-समृद्धि कभी नहीं घटती।
जहां अन्न का होता है सम्मान
चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर मेंअन्न का आदर और सम्मान किया जाता है, वहां माता लक्ष्मी स्वयं वास करती हैं। ऐसे घरों में कभी दरिद्रता नहीं आती। लेकिन जहां लोग अन्न की बर्बादी करते हैं या रसोई में जूठे बर्तन लंबे समय तक पड़े रहते हैं, वहां धीरे-धीरे लक्ष्मी जी की कृपा समाप्त हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अन्न को देवता के समान माना जाना चाहिए क्योंकि यह जीवन का आधार है। इसलिए भोजन बनाते या खाते समय उसमें श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए।
पति-पत्नी में प्रेम और सम्मान
आचार्य चाणक्य का मानना था कि जिस घर में पति-पत्नी के बीच प्रेम, सम्मान और विश्वास का रिश्ता होता है, वह घर स्वर्ग समान होता है। ऐसे परिवारों में लक्ष्मी जी की कृपा कभी नहीं घटती। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के मधुर संबंध बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। जब घर में प्रेम और समझदारी का माहौल रहता है तो परिवार में एकजुटता बनी रहती है और समृद्धि अपने आप बढ़ती है। चाणक्य का यह संदेश आज भी परिवारिक जीवन में संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने का मार्ग दिखाता है।
जहां ज्ञान और विद्वानों का सम्मान हो
चाणक्य नीति कहती है कि जिस घर मेंविद्वानों, ज्ञान और शिक्षा का सम्मान किया जाता है, वहां सुख, शांति और संपन्नता का स्थायी निवास होता है।ऐसे घरों में न केवल माता लक्ष्मी की कृपा रहती है, बल्कि माता सरस्वती का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आचार्य का मानना था कि ज्ञान ही वह धन है जो कभी समाप्त नहीं होता और जो व्यक्ति ज्ञानी जनों का सम्मान करता है, उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।