अक्टूबर में लगने वाला है चोर पंचक, गलती से भी न करें ये 5 काम,
वरना हो सकती है भारी धन हानि
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Chaur Panchak 2025: हिंदू धर्म में शुभ और अशुभ समय का बड़ा महत्व माना गया है। किसी भी कार्य की सफलता के लिए लोग पंचांग देखकर ही शुभ मुहूर्त तय करते हैं। पंचांग के पांच अंग तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण मिलकर यह बताते हैं कि कौन-सा समय अनुकूल है और कौन-सा नहीं। इन्हीं में से एक कालखंड है पंचक, जिसे ज्योतिष में अशुभ और बाधाजनक समय माना गया है। अब अक्टूबर महीने के अंत में एक बार फिर चोर पंचक शुरू होने जा रहा है, जो 31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार से 4 नवंबर 2025, मंगलवार तक चलेगा।
पंचक क्या होता है और कैसे बनता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में प्रवेश करता है, तब इस अवधि को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा को इन पांच नक्षत्रों में भ्रमण करने में करीब पांच दिन का समय लगता है। इस पूरे काल को पंचक काल कहा जाता है। इस समय किए गए कार्यों में सफलता नहीं मिलती और कई बार नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं।
पंचक के प्रकार और चोर पंचक का विशेष महत्व पंचक पांच प्रकार के होते हैं और उनकी पहचान इस बात से होती है कि वे किस वार से शुरू होते हैं —
रोग पंचक: रविवार से शुरू
राज पंचक: सोमवार से शुरू
अग्नि पंचक: मंगलवार से शुरू
चोर पंचक: शुक्रवार से शुरू
मृत्यु पंचक: शनिवार से शुरू
31 अक्टूबर को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाएगा, जो ज्योतिष के अनुसार सबसे अशुभ पंचक माना गया है।
चोर पंचक में क्यों बढ़ जाती है नुकसान की आशंका इस पंचक का नाम ही संकेत देता है कि यह समय चोरी, धन हानि और व्यापारिक नुकसान से जुड़ा है। इस अवधि में लेन-देन, निवेश या नए व्यवसाय की शुरुआत करना जोखिम भरा माना जाता है। ज्योतिषियों का मानना है कि चोर पंचक में आर्थिक असंतुलन बढ़ता है, इसलिए इस दौरान किसी भी प्रकार के वित्तीय या व्यापारिक निर्णय से बचना चाहिए।
चोर पंचक में भूलकर भी न करें ये काम
दक्षिण दिशा की यात्रा न करें: यह दिशा यमराज और पितरों की मानी जाती है। इस समय यात्रा से दुर्घटना या चोरी का खतरा बढ़ता है।
नया व्यापार या सौदा शुरू न करें: बड़े निवेश, संपत्ति खरीद या अनुबंध से दूरी बनाएं।
लकड़ी या ज्वलनशील वस्तुएं एकत्र न करें: इससे आग या दुर्घटना की संभावना रहती है।
घर की छत या चारपाई बनवाना वर्जित: इसे अशुभ और क्लेशकारी माना गया है।
शुभ कार्य न करें: विवाह, सगाई, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्यक्रमों को टालना शुभ रहता है।