देवकीनंदन ठाकुर जी बोले:
इन 5 छोटी गलतियों से भोजन बेअसर हो जाता है
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे भोजन के दौरान बरतने वाले कुछ शास्त्रीय नियम बता रहे हैं और बता रहे हैं कि अक्सर लोग छोटी-छोटी गलतियों की वजह से भोजन का फल नहीं पाते। देवकीनंदन ठाकुर श्रीमद् भागवत, राम कथा और अन्य ग्रंथों पर प्रवचन देते हैं और उनका यह संदेश भी धार्मिक और दैनिक जीवन दोनों के लिए अहम माना जा रहा है। आइए जानते हैं गुरु जी ने कौन-कौन सी बातें बतायीं और भोजन के नियम क्या-क्या हैं।
भोजन से पहले हाथ-पैर धोना ज़रूरी
गुरु जी कहते हैं कि शास्त्रों में साफ-सफाई को बहुत महत्व दिया गया है। खाना खाने से पहले बिना हाथ-पैर धोए भोजन नहीं करना चाहिए। साफ हाथ-पैर से ही भोजन करना शुद्धता का संकेत है और इससे भोजन का पूरा फल मिलता है।
बंद स्थान में बैठकर सम्मानपूर्वक भोजन करें
देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार भोजन खुले में बैठकर नहीं करना चाहिए। खुले में उड़ते जीव या धूल-रद्दा भोजन में गिर सकता है। इसलिए बंद और साफ जगह में बैठकर ही खाना लेना बेहतर और सुरक्षित है। भोजन करते समय आदर और शांति होना चाहिए।
भोजन के समय क्रोध और लोभ न रखें
खाने के समय मन में क्रोध, लोभ या किसी प्रकार की नकारात्मक भावना न रखें। जो व्यक्ति शांत मन से, प्रेम और आदर के साथ भोजन करता है, वह भोजन का पूरा फल पाता है।
हाथ की पांचों उंगलियों का प्रयोग और सही निवाला लें
शास्त्रों के अनुसार भोजन करते समय पांचों उंगलियां साथ रहनी चाहिए। उदाहरण के लिए चावल खाते समय सभी उंगलियों से खाना लेना चाहिए। साथ ही इतना निवाला लें जो आराम से मुंह में समा जाए। मुंह से खाना गिराते हुए या अधिक बड़ी मात्रा में निवाला लेकर खाना अशुद्ध माना जाता है और फल नहीं देता।