धनतेरस 2025: 18 अक्टूबर को धन्वंतरि पूजा के विशेष महत्व,
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए करें चालीसा पाठ
12 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
हर वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 18 अक्टूबर 2025 को है। धनतेरस के दिन विशेष रूप से भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। आयुर्वेद के देवता कहे जाने वाले धन्वंतरि की पूजा से घर में स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। पारंपरिक मान्यता है कि इस दिन यदि किसी घर में भगवान धन्वंतरि की विधिपूर्वक आराधना की जाए, तो वहाँ की पुरानी बीमारियाँ ठीक होती हैं और नए रोग भी नहीं घेरते।
धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करते समय धन्वंतरि चालीसा का पाठ करने से परिवार की आय, सौभाग्य और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। यह चालीसा भगवान की महिमा का गान करती है और रोग निवारण की विशेष शक्ति प्रदान करती है।
श्री धन्वंतरि चालीसा का महत्व चालीसा की शुरुआत श्री गणेशाय नमः से होती है और इसके दोहों में गुरु और माता-पिता का आदर करने की बात कही गई है। चौपाई में भगवान धन्वंतरि के जन्म और उनके द्वारा आयुर्वेद की स्थापना की कथा का वर्णन है। इसमें उनके चतुर्भुज रूप, अमृत कलश और रोग निवारक शक्तियों का उल्लेख किया गया है।
धन्वंतरि चालीसा में यह बताया गया है कि किस प्रकार भगवान ने समुद्र मंथन से अमृत कलश उठाया और सभी देवताओं को स्वास्थ्य और आयु प्रदान की। साथ ही, आयुर्वेद के आठ अंगों, जैसे शल्य, जरा, दृष्टि, वाजीसा, माधव निदान, चरक चिकित्सा, कश्यप बाल चिकित्सा और सुश्रुत चिकित्सा का वर्णन भी शामिल है।
चालीसा में भगवान धन्वंतरि की कृपा से रोग, शोक और संताप का नाश होने का भी उल्लेख है। इसके नियमित पाठ से व्यक्ति बल, वैभव और स्वस्थ शरीर प्राप्त कर सकता है। पुरानी बीमारियाँ मिटती हैं और घर में समृद्धि आती है।
कैसे करें पूजा और पाठ धनतेरस के दिन घर के पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र बनाकर भगवान धन्वंतरि की स्थापना करें। उनके सामने दीपक और पुष्प अर्पित करें। इसके बाद धन्वंतरि चालीसा का पाठ नित्य या संकल्पपूर्वक करें। विशेष तौर पर आयुर्वेदिक औषधियों और हर्बल सामग्री का ध्यान रखते हुए पूजन करें। इस प्रकार, 18 अक्टूबर 2025 को धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा और चालीसा का पाठ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की दिशा में भी लाभकारी है।