धनतेरस 2025: इन चीजों को खरीदें, नहीं तो हो सकती है हानि,
जानें शुभ मुहूर्त और क्या करें-क्या न करें
9 days ago Written By: Aniket Prajapati
कार्तिक मास की त्रयोदशी से दीपावली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत होती है, और यही दिन धनतेरस या धनत्रयोदशी कहलाता है। इस दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि पुराणों के अनुसार, इसी तिथि को समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर देव की विशेष पूजा की जाती है।
धनतेरस 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार धनतेरस 18 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। खरीदारी और पूजा का शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे से 19 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक रहेगा।
धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ है धनतेरस के दिन सोना, चांदी, तांबा और पीतल के बर्तन या आभूषण खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति इन कीमती धातुओं को नहीं खरीद सकता, तो वह झाड़ू जरूर खरीदे। कहा जाता है कि झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे खरीदने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है तथा सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
धनतेरस पर इन चीजों का दान न करें
1. पैसे या सिक्के धनतेरस के दिन नकद दान करना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इससे धन घर से निकल जाता है। यदि दान करना ही हो तो यह तिथि से एक दिन पहले या बाद में करें।
2. काले कपड़े या वस्तुएं काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिन किसी को काले कपड़े, जूते या बैग गिफ्ट में देना या दान करना शुभ नहीं होता। इससे घर में कलह और अशांति बढ़ सकती है।
3. तेल या घी का दान धनतेरस और दिवाली रोशनी के पर्व हैं। इन दिनों तेल या घी का दान करने से घर की चमक और सकारात्मक ऊर्जा कम होती है। इसके बजाय घर में दीप जलाना शुभ माना गया है।
4. लोहे या कांच की वस्तुएं लोहे का संबंध शनि से और कांच का संबंध राहु से होता है। इस दिन इन वस्तुओं का दान या खरीदना अशुभ माना गया है, क्योंकि इससे आर्थिक हानि और मानसिक तनाव हो सकता है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय
शाम के समय यम दीपक और लक्ष्मी पूजन अवश्य करें।
घर की साफ-सफाई करें और मुख्य द्वार पर दीप जलाएं।
पूजा के समय “श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
इस दिन खरीदी गई वस्तुओं का उपयोग केवल शुभ कार्यों में करें।