धनतेरस पर कौन से बर्तन खरीदना है शुभ,
किनसे करें परहेज, जानें धार्मिक मान्यता और महत्व
10 days ago Written By: Aniket Prajapati
धनतेरस का त्योहार दीपावली की शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पूरे देश में लोग नई चीजें खरीदते हैं ताकि घर में सुख, समृद्धि और शुभता का आगमन हो। खासकर बर्तन खरीदने की परंपरा इस दिन बहुत पुरानी और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहा जाता है कि सही धातु के बर्तन खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदने की क्यों है परंपरा खास?
हिंदू धर्म में धनतेरस पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत का दिन है। इस दिन भगवान धनवंतरि, माता लक्ष्मी और यमराज की पूजा की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस पर की गई खरीदारी से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और आने वाला वर्ष शुभता और समृद्धि से भर जाता है।
बर्तन खरीदने के पीछे की धार्मिक कथा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत से भरा पीतल का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन पीतल, तांबा और कांसे के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। यह परंपरा केवल धन वृद्धि ही नहीं, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक भी है।
धनतेरस पर कौन-से बर्तन खरीदना है शुभ?
धनतेरस पर अगर आप बर्तन खरीदने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि पीतल, तांबे या कांसे की वस्तुएं ही लें। इन धातुओं से बने बर्तन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खोलते हैं। अगर सोना या चांदी खरीदना संभव न हो, तो पीतल का कलश या थाली खरीदना भी बहुत शुभ माना गया है।
किन बर्तनों की खरीद से करें परहेज
धनतेरस के दिन लोहे, स्टील, प्लास्टिक या काली मिट्टी के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये वस्तुएं अशुभ मानी जाती हैं और इनसे घर में नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है। इसलिए धनतेरस के शुभ अवसर पर हमेशा सकारात्मक धातुओं के बर्तन ही खरीदें।
धनतेरस पर खरीदे गए बर्तनों का इस्तेमाल कब करें?
धनतेरस पर खरीदे गए बर्तनों का तुरंत उपयोग नहीं करना चाहिए। परंपरा के अनुसार, पहले इन्हें पूजा स्थल पर रखकर भगवान धनवंतरि और माता लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। दीपावली के दिन या उसके बाद किसी शुभ मुहूर्त में इन बर्तनों का पहली बार उपयोग करना अत्यंत शुभ माना गया है।