चेहरे की आकृति क्या बताती है?
जानें आसान भाषा में सभी प्रकार और उनका मतलब
1 months ago Written By: अनिकेत प्रजापति
समुद्रिक शास्त्र के अनुसार चेहरे की आकृति से व्यक्ति के स्वभाव, शारीरिक बनावट और रुचियों के बारे में संकेत मिलते हैं। हर आकार का संबंध प्रकृति के किसी तत्व से जोड़ा गया है, जैसे पृथ्वी, जल या अग्नि और उसी के अनुसार व्यक्तित्व के बुनियादी गुण समझाए जाते हैं। नीचे सरल और सीधी भाषा में अलग-अलग चेहरे के प्रकार वर्गाकार, वृत्ताकार, अंडाकार, चौड़ा, शंकु जैसे और इनके बारे में जो पारंपरिक मान्यताएँ हैं, उन्हें दिया गया है। यह जानकारी सामान्य रूप से बताई जा रही है ताकि आप अपने या अपने परिचितों के बारे में कुछ रोचक बातें जान सकें।
चेहरे के प्रमुख प्रकार और उनके लक्षण
वर्गाकार चेहरा: समु्द्रिक शास्त्र में इसे पृथ्वी तत्व से जोड़ा जाता है। ऐसे लोग ठोस, भरोसेमंद और मेहनती माने जाते हैं। हड्डियाँ मजबूत, कंधे चौड़े और ठोड़ी सामान्य से थोड़ी चौड़ी होती है। ये अनुशासित, धैर्यशील और कार्य-निष्ठ होते हैं। व्यापार, यात्रा या संगठनात्मक काम इनके अनुकूल होते हैं।
वृत्ताकार (राउंड) चेहरा: यह जल तत्व से जुड़ा होता है। ऐसे लोग कोमल, मासूम और सहज भाव वाले होते हैं। उन्हें छल-कपट से दूर माना जाता है और उनका व्यवहार मिलनसार होता है। नवजात शिशुओं के चेहरे आम तौर पर राउंड ही होते हैं।
लम्बा वृत्ताकार / अंडाकार चेहरा: लंबाई में थोड़ा अधिक और ऊपर-नीचे गोल आकार वाला चेहरा बौद्धिकता और रचनात्मकता का सूचक माना जाता है। ऐसे लोग कला, लेखन, संगीत और अभिनय जैसे क्षेत्रों में सफल होते हैं। वे सकारात्मक और रचनात्मक रहते हैं।
चौड़ा चेहरा: चौड़ाई अधिक होने से शारीरिक बनावट स्थूल दिख सकती है। ये लोग सरल, ईमानदार और सौम्य स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी चीज़ के लोभ में फँसना नहीं पसंद।
चेहरे की लंबाई अधिक व चौड़ाई सामान्य: इन लोगों की महत्वाकांक्षा अधिक होती है। वे सोच-समझकर काम करते हैं और लक्ष्य पर ध्यान रखते हैं, पर कभी-कभी जल्दबाज़ी भी कर देते हैं।
चेहरे की विषम आकृति (लंबाई-चौड़ाई असमान): मानसिक विकास सामान्य से धीमा हो सकता है पर व्यवहारिक रूप से ये लोग व्यावहारिक और सम्मानित रह सकते हैं। वे कभी-कभी बहुत औपचारिक हो जाते हैं।
शंकुाकार चेहरा: माथे पर चौड़ा और नीचे की ओर संकरा चेहरा अग्नि तत्व से जुड़ता है। ऐसी प्रकृति वाले लोग क्रोधी और अधीर हो सकते हैं; धैर्य कम पाया जाता है।
शंक्वाकार (ऊपर चौड़ा, नीचे संकरा): काम पूरा करने की क्षमता इनके भीतर मजबूत होती है। ये मेहनती, महत्वाकांक्षी और अक्सर कला या विज्ञान से जुड़े होते हैं। सेहत सामान्य रूप से संतुलित रहती है। समग्र रूप में इन मान्यताओं को पारंपरिक ज्ञान के तौर पर देखा जाता है। चेहरे की आकृति से जुड़ी बातें रोचक हैं पर जीवन-फल या व्यवहार का पूरा निर्णय इन्हीं पर निर्भर नहीं होना चाहिए।