किसी भी समय का हनुमान पाठ नहीं देगा शुभ फल,
संकट निवारण ही बनेगा संकट का कारण! जानें पाठ का सही समय
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
हनुमान जी महा शक्तिशाली देवता हैं, जो अदम्य साहस, अटूट निष्ठा और परम भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। कहते हैं, जो व्यक्ति भयमुक्त होना चाहता है, उसे हनुमान जी की सच्ची भक्ति करनी चाहिए। जो साधक ईमानदारी और श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करता है और मानवता का धर्म निभाता है, उसे जीवन की परेशानियों और दुखों का सामना करने की ताकत मिलती है। चाहे करियर में बाधाएं हों, पारिवारिक कलह हो या शत्रु परेशान कर रहे हों, हनुमान जी हर संकट से साधक को उबारते हैं।
पाठों की महत्ता और सही समय बहुत से लोग यह नहीं जानते कि हनुमान जी के अलग-अलग पाठ अलग समय और स्थिति में किए जाते हैं। हर पाठ का अपना विशिष्ट फल है। तरक्की, ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव की शांति, भय, भूत-प्रेत या बाधा से मुक्ति पाने के लिए लोग हनुमान चालीसा या मंत्रों का सहारा लेते हैं। लेकिन केवल पाठ करना पर्याप्त नहीं है। धर्म और ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि कौन-सा पाठ कब करना चाहिए, यह जानना बेहद आवश्यक है।
बजरंग बाण: शत्रु और बाधाओं से रक्षा बजरंग बाण हनुमान जी की तेजस्विता और पराक्रम का प्रतीक है। इसके हर शब्द में शक्तिशाली ऊर्जा होती है, जो नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है और साधक के आत्मविश्वास को बढ़ाती है। यदि जीवन में लगातार परेशानियां आ रही हैं या कोई नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहा है, तो बजरंग बाण का पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
बजरंग बाण का पाठ कब और कैसे करें इस पाठ को मंगलवार या शनिवार के दिन करना चाहिए। सुबह स्नान करके शुद्ध मन से पढ़ा गया पाठ साधक के आत्मबल को बढ़ाता है और शत्रु अपने आप शांत हो जाते हैं। पाठ के दौरान कभी भी अशांत या क्रोधी मन से पढ़ना नहीं चाहिए। पाठ समाप्त होने के बाद हनुमान जी के नाम का स्मरण करें और लाल फूल अर्पित करें।
सुंदर कांड: शनि दोष और जीवन में स्थिरता अगर किसी की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति प्रतिकूल है, तो सुंदर कांड का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन तेल का दीपक जलाकर सुंदर कांड पढ़ने से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है। यह रामायण का भाग हनुमान जी की वीरता और भक्ति की गाथा बताता है, जिससे साधक को मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
हनुमान चालीसा: घर में सुख और शांति हनुमान चालीसा घर में सुख-शांति बनाए रखने और ग्रह कलह दूर करने के लिए सबसे लोकप्रिय पाठ है। अगर घर में लगातार तनाव और झगड़े हैं, तो रोज सुबह या शाम इसका पाठ करना चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव ऊर्जा बनी रहती है और हर ग्रह के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
हनुमान चालीसा का सही समय शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ना शुभ माना गया है। इस दिन 108 बार पाठ करने से जीवन में स्थायी सुख और आत्मबल आता है।
हनुमान मंत्र 'ॐ हं हनुमते नमः' का जाप भय, नकारात्मकता या भूत-प्रेत से मुक्ति पाने के लिए 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का जाप अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसे सुबह या रात सोने से पहले 108 बार मन ही मन जाप करना लाभकारी होता है। यह मंत्र साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें हनुमान जी के पाठ हमेशा शुद्ध मन और साफ-सुथरे वातावरण में करें। मंगलवार और शनिवार को पूजा करें। पाठ से पहले सिंदूर, तेल और लाल फूल चढ़ाएं। और पाठ समाप्त होने के बाद भगवान राम का नाम अवश्य लें, क्योंकि बजरंगी के हृदय में सियावर रामचंद्र ही बसते हैं।