Chanakya Niti: दोस्त है या दुश्मन? चाणक्य नीति से करें असली पहचान,
वरना पड़ेगा पछताना
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Chanakya Niti: आज की दुनिया में भरोसे का मतलब बहुत बदल गया है। हर कोई मीठा बोलता है पर दिल में क्या है ये समझना आसान नहीं है। कभी-कभी अपने जैसे दिखने वाले ही हमारे दुश्मन बन जाते हैं। हम सबकी ज़िंदगी में कुछ लोग अच्छे होते हैं, तो कुछ सिर्फ अपना फायदा देखते हैं। असली चुनौती है ऐसे लोगों को पहचानना। चाणक्य नीति हमें इस बात की गहरी समझ देती है। उनके बताए नियम आज भी उतने ही जरूरी हैं।
वाणी से इंसान को पहचानिए
चाणक्य कहते हैं, इंसान की जुबान उसका आईना होती है। जो हर समय आपकी तारीफ करे वो सच्चा नहीं होता। जो गलतियों पर कुछ न कहे, वो कभी मदद नहीं करेगा। ऐसे लोग मुसीबत में साथ छोड़ देते हैं।
चापलूस की 3 निशानियां
वह हर बात में आपकी हां में हां मिलाता है। वह दूसरों की बुराई आपके सामने करता है। वह सिर्फ मीठा बोलता है, पर काम कुछ नहीं करता। ऐसे लोग बहुत खतरनाक साबित हो सकते हैं।
कहानी से सीख
एक राजा के दरबार में दो मंत्री थे। एक हमेशा तारीफ करता, दूसरा सच बताता। राजा ने पहले वाले को खास बना लिया। पर वही मंत्री दुश्मनों से मिल गया। राजा को बहुत देर बाद सच पता चला। इससे ये सीख मिलती है मीठा बोलने वाला ज़रूरी नहीं अच्छा हो।
कर्म ही है असली पहचान
चाणक्य के अनुसार, इंसान की पहचान उसके काम से होती है। जो कठिन समय में साथ दे, वही सच्चा मित्र है। जो सिर्फ बातें करे, वो मतलबपरस्त होता है।
पहचानिए ये 5 संकेत
ज़रूरत से ज़्यादा तारीफ – चापलूसी, दूसरों की बुराई दोमुंहापन। ज़्यादा मीठा बोलना – खतरनाक इरादे। मदद से पीछे हटना – स्वार्थी स्वभाव। मुश्किल में साथ देना – सच्चा दोस्त
चाणक्य के 4 टेस्ट
छोटी जिम्मेदारी देकर परखें पैसा और ताकत देकर असली चेहरा देखें। गुस्से में इंसान का स्वभाव देखें बुरे वक्त में साथ देखिए।
धोखेबाज़ से निपटने के उपाय
अपनी भावनाओं पर काबू रखें, सबूत जुटाएं, धीरे-धीरे दूरी बनाएं, उसकी तरकीबें उसी पर आजमाएं, खुद को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाएं।
क्या है असली जीत?
सिर्फ धोखेबाज़ को पहचानना ही नहीं, बल्कि उसे हमेशा के लिए ज़िंदगी से दूर करना ही असली जीत है। चाणक्य की नीतियों को अपनाइए, धोखा और नुकसान से खुद को बचाइए।