ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को करें ये काम,
बन जाऐंगे बिगड़े काम
1 days ago
Written By: ANJALI
हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को विशेष महत्व प्राप्त है। यह दिन धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किए गए उपाय जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ लाते हैं। तो चलिए आपको बतातें है कि इस पावन दिन कौन-कौन से उपाय करने चाहिए।
सूर्यदेव की पूजा करें
ज्येष्ठ पूर्णिमा को सूर्यदेव की पूजा अति शुभ मानी जाती है। इस दिन सूर्योदय के समय स्नान कर सूर्य को अर्ध्य दें और उनका ध्यान करें। सूर्य की आराधना से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और रोग-व्याधि दूर होती है।
व्रत रखें
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर व्रत रखना अत्यंत फलदायक होता है। इस दिन निर्जल व्रत करने से मन की शुद्धि होती है और कष्टों का नाश होता है। यदि निर्जल व्रत संभव न हो तो फलाहार या फल-फलों का सेवन करें।
तुलसी और गंगा जल का प्रयोग
पूजा में तुलसी के पत्ते और गंगा जल का प्रयोग करें। तुलसी तुल्य विषाणुनाशक और स्वास्थ्यवर्धक होती है। गंगा जल से स्नान करने से मानसिक शांति मिलती है और पापों का नाश होता है।
परिजनों और मित्रों को दान दें
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दान पुण्य का भी विशेष महत्व है। गरीबों को अन्न, वस्त्र, और फलदान करें। इससे न केवल पुण्य बढ़ता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है।
गाय और अन्य पवित्र जीवों को सेवा दें
गाय, कुत्ते, पक्षी या अन्य जीवों को भोजन कराना भी ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ कार्य माना जाता है। इससे वास्तु दोष दूर होते हैं और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
ध्यान और साधना करें
दिन के समय ध्यान और साधना करने से मन शांत होता है, मानसिक तनाव कम होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन दिन ध्यान करना विशेष लाभकारी माना जाता है।