काल भैरव अष्टमी 2025: इस दिन करें ये उपाय,
दूर होंगे भय और दोष, मिलेगी भैरव बाबा की कृपा
1 months ago
Written By: अनिकेत प्रजापति
हिंदू पंचांग के अनुसार, काल भैरव अष्टमी 12 नवंबर 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से भैरव बाबा की पूजा करने से जीवन के सभी भय, बाधाएं और दोष समाप्त हो जाते हैं। जो व्यक्ति भैरव अष्टमी के दिन व्रत रखता है और विधि-विधान से पूजा करता है, उसे काल भैरव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस दिन के महत्व और कुछ ऐसे आसान उपाय, जिन्हें करने से भयरहित जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
काल भैरव अष्टमी का महत्व
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने अपने रौद्र रूप में भैरव का अवतार लिया था ताकि अधर्म और अन्याय का अंत हो सके। इसी कारण भैरव बाबा को संहार और रक्षा के देवता माना जाता है। वे अपने भक्तों को भय, पाप और नकारात्मक ऊर्जा से बचाते हैं। काल भैरव अष्टमी के दिन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से संकट दूर होते हैं और सौभाग्य बढ़ता है।
काले कुत्ते को खिलाएं रोटी और दूध
भैरव अष्टमी का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है – काले कुत्ते को चुपड़ी रोटी और दूध खिलाना। माना जाता है कि ऐसा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और भक्त को भय दोष से मुक्ति मिलती है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक तनाव, भय या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
भैरव बाबा को अर्पित करें मीठी रोटी और जलेबी
इस दिन चाहे आप व्रत रखें या नहीं, भैरव बाबा को मीठी रोटी या जलेबी अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भैरव बाबा की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी रुकावटें समाप्त हो जाती हैं। नारियल अर्पित करने से भी विशेष लाभ होता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाता है।
करें भैरव चालीसा या भैरव अष्टक का पाठ
भैरव अष्टमी के दिन काल भैरव चालीसा या भैरव अष्टक का पाठ करने से मन की अशांति दूर होती है और परिवार में सुख-शांति आती है। यह पाठ नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
मंत्र जाप और काला धागा चढ़ाने का महत्व
इस दिन भैरव मंदिर जाकर बाबा के चरणों में काला धागा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इसके बाद ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का जप करें। इस उपाय से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।