अष्टमी तिथि पर बन रहे कई दु्र्लभ संयोग,
जानिए आज का पंचांग
1 months ago Written By: ANJALI
आज 30 सितंबर 2025 (Kanya Pujan 2025 Date) को आश्विन मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। यह दिन शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन (Shardiya Navratri Day 8) के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भक्तजन मां महागौरी (Maa Mahagauri) की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही परंपरा के अनुसार आज कन्या पूजन (Today Kanya Pujan Time) भी किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन करने से साधक को मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस बार अष्टमी तिथि पर कई शुभ और अद्भुत योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 30 September 2025)।
तिथि: शुक्ल अष्टमी
मास पूर्णिमांत: अश्विन
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082
तिथि: अष्टमी सायं 06 बजकर 06 मिनट तक
योग: शोभन 01 बजकर 03 मिनट तक
करण: बलव (पूर्ण रात्रि)
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 08 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर
चन्द्रास्त: शाम 11 बजकर 12 मिनट पर
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: धनु
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक
अमृत काल: 01 अक्टूबर को प्रातः 02 बजकर 56 मिनट से 04 बजकर 40 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 09 मिनट से दोपहर 04 बजकर 39 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 12 बजकर 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 09 बजकर 12 बजे से प्रातः 10 बजकर 41 बजकर मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव मूल नक्षत्र में रहेंगे…
मूल नक्षत्र- प्रातः 06 बजकर 17 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: क्रोधी, स्थिर मन, अनुशासनप्रिय, आक्रामक, गंभीर व्यक्तित्व, उदार, मिलनसार, दानशील, ईमानदार, कानून का पालन करने वाले, अहंकारी और बुद्धिमान
नक्षत्र स्वामी: केतु देव
राशि स्वामी: बृहस्पति देव
देवता: निरति (विनाश की देवी)
प्रतीक: पेड़ की जड़े
दुर्गा अष्टमी का धार्मिक महत्व
अष्टमी नवरात्र का आठवां दिन है और यह मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और देवी को फूल, धूप और दीप अर्पित करते हैं।
अष्टमी का दिन शक्ति, शुद्धि और समर्पण का प्रतीक है। इसे करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक स्थिरता और संकल्प की वृद्धि होती है। विशेष रूप से कन्या पूजन और हवन-यज्ञ इस दिन अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
अष्टमी अवधि-
अष्टमी तिथि प्रारंभ – 29 सितंबर 2025 को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक
अष्टमी तिथि समाप्त – 30 सितंबर 2025 को शाम 06 बजकर 06 मिनट तक यह भी देखें -