भारत में तेजी से बढ़ रहे Heart Attack के मामले,
स्वामी रामदेव ने बताया दिल को स्वस्थ्य कैसे रखा जाए
15 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
आज देशभर में करवाचौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की दुआ करती हैं, लेकिन अब यह जरूरी है कि दिल भी स्वस्थ रहे, तभी ‘लॉन्ग लाइफ’ की दुआ पूरी होगी। देश में दिल की बीमारियां रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार से बढ़ रही हैं। लेटेस्ट स्टडी में सामने आया है कि हार्ट अटैक से 24 घंटे के अंदर 25% मरीजों की मौत हो जाती है। हार्ट अटैक की प्रमुख वजहें हैं डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, तनाव और कोलेस्ट्रॉल, और अब यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले पांच साल में भारत में कोलेस्ट्रॉल और दिल की दवाओं की बिक्री 46% तक बढ़ गई है।
ICMR की रिपोर्ट: 50% हार्ट प्रॉब्लम 50 साल से कम उम्र में बता दें की, ICMR की रिपोर्ट के अनुसार देश में हार्ट प्रॉब्लम के 50% मामले 50 साल से कम उम्र के लोगों में सामने आ रहे हैं। महानगरों के अलावा गांवों में भी हार्ट डिजीज से मौत के मामले में करीब 5% इजाफा हुआ है। बीमारियों से होने वाली कुल मौतों में 45% अब कार्डियक प्रॉब्लम के कारण हो रही हैं। हार्ट अटैक के आधे से ज्यादा मरीज ‘गोल्डन ऑवर’ में अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। हालांकि दिल को मजबूत बनाए रखने के लिए कुछ आसान उपाय हैं — जैसे रोज 30 मिनट तेज चलना, प्लांट-बेस्ड फूड, जंक फूड, सिगरेट और शराब से दूरी और किसी भी चेस्ट की तकलीफ को नजरअंदाज न करना।
स्वामी रामदेव के टिप्स: योग और सही खान-पान से दिल रहे मजबूत करवाचौथ के खास मौके पर स्वामी रामदेव ने बताया कि दिल की सेहत के लिए योग और जॉगिंग करना बेहद जरूरी है और इसे अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सूर्यनमस्कार, अनुलोम-विलोम, प्रणायाम और दंड बैठक दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हार्ट से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण खान-पान भी है। बाबा रामदेव ने बताया कि सफेद चीनी, रिफाइंड तेल, सफेद नमक, सफेद चावल और पराठा खाने से बचें। सुबह अंकुरित चीजें या फल खाएं और रात का खाना 8 बजे से पहले खत्म कर लें।
दिल को मजबूत रखने के लिए योगासन ताड़ासन, भुजंगासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन,सेतु बंधासन, शवासन, बालासन, अनुलोम-विलोम
हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत पहचानें बता दे कि सीने में दर्द या बेचैनी, शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, ठंडा पसीना आना, चक्कर या बेहोशी, जी मचलना, अत्यधिक थकावट या कमजोरी, घबराहट, अपच या गैस जैसी समस्या से खबराए नहीं।