Ganesha Dhyana Mantra: हर बाधा होगी दूर,
बस जपिए गणेश ध्यान मंत्र, जानिए चमत्कारी लाभ
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Ganesha Dhyana Mantra: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है। उन्हें विघ्नहर्ता यानी बाधाएं दूर करने वाला देवता माना जाता है। शादी हो गृह प्रवेश हो या पूजा-पाठ, सबसे पहले गणेश जी का नाम लिया जाता है। शास्त्रों में लिखा है कि श्री गणेश का ध्यान करने से सभी अड़चनें दूर हो जाती हैं। गणेश ध्यान मंत्र को बहुत ही चमत्कारी और असरदार बताया गया है। इस मंत्र के नियमित जप से मन को शांति मिलती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
क्या है भगवान गणेश का ध्यान मंत्र?
गणेश ध्यान मंत्र दो प्रकार के हैं। पहला मंत्र इस प्रकार है –
ॐ शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये॥
इस मंत्र का अर्थ है कि, जो सफेद वस्त्र पहनते हैं, जिनका रंग चंद्रमा जैसा उज्ज्वल है, जिनके चार हाथ हैं और जो हमेशा मुस्कुराते रहते हैं, ऐसे श्री गणेश जी का हम ध्यान करते हैं। वह हमारे सभी विघ्नों को शांत करते हैं।
दूसरा मंत्र है
ॐ एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्।
विध्ननाशं करिष्यन्तं देवं वन्दे गणाधिपम्॥
इसका अर्थ है कि, एक दांत वाले, विशाल शरीर वाले, लंबोदर और हाथी जैसे मुख वाले भगवान गणेश को मैं नमस्कार करता हूँ। वह सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
आइए जानतें हैं क्या है ध्यान मंत्र के लाभ
काम में आने वाली सभी रुकावटें दूर होती हैं।
पढ़ाई में मन लगता है, याददाश्त बढ़ती है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ता है।
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले यह मंत्र जरूर बोलना चाहिए।
जप विधि – कैसे करें मंत्र का जाप?
सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
शांत और पवित्र स्थान पर आसन लगाएं।
श्री गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
11, 21 या 108 बार ध्यान मंत्र का जाप करें।
मंत्र जपते समय भगवान गणेश का मन में ध्यान करते रहें।
कब करें यह जाप?
किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले।
पूजा, हवन, विवाह या गृह प्रवेश से पहले।
जब मन बेचैन हो और एकाग्रता चाहिए हो।
गणेश ध्यान मंत्र सरल है परंतु इसका असर बहुत गहरा होता है। रोजाना इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। बच्चों, छात्रों और हर आम व्यक्ति के लिए यह मंत्र बहुत उपयोगी है।